मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो का उद्घाटन: PM मोदी का संदेश- “एकता से विकास, विभाजन से विनाश”
मुंबई मेट्रो: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए यह 5 अक्टूबर का दिन एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुप्रतीक्षित और पूरी तरह भूमिगत मेट्रो एक्वा लाइन 3 के पहले चरण का उद्घाटन किया। यह मेट्रो लाइन देश की पहली संपूर्ण अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन है, जिसे आधुनिकता और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। इसके पहले चरण में गोरेगांव के आरे जेवीएलआर से लेकर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) तक की दूरी को शामिल किया गया है, जिसका कुल खर्च 14,120 करोड़ रुपये है। इस मेट्रो लाइन का उद्देश्य न केवल मुंबई के घने ट्रैफिक को कम करना है, बल्कि इसे विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक बनाना है, जो मुंबई को और भी अधिक कनेक्टेड और आधुनिक शहर के रूप में स्थापित करेगा।
यह मेट्रो लाइन 33.5 किलोमीटर लंबी है और इसमें कुल 26 भूमिगत स्टेशन शामिल हैं। इसके पहले चरण में 12 किलोमीटर के रूट पर 10 स्टेशन होंगे। इस मार्ग की अनूठी विशेषता यह है कि इसमें साढ़े छह मिनट की उच्च आवृत्ति से मेट्रो का संचालन होगा, जिससे यात्रियों को तेज़ और सुविधाजनक परिवहन का अनुभव मिलेगा। आरे जेवीएलआर से बीकेसी तक की यात्रा अब बेहद सुगम और सस्ती होगी, जिसमें शुरुआती किराया सिर्फ 10 रुपये होगा। इस नई मेट्रो के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने ठाणे इंटीग्रल रिंग मेट्रो रेल परियोजना और एलिवेटेड ईस्टर्न फ्रीवे एक्सटेंशन जैसी कई अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जिनकी कुल लागत 32,800 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अलावा, नवी मुंबई हवाईअड्डा प्रभाव अधिसूचित क्षेत्र (NAINA) परियोजना की भी शुरुआत की गई, जिससे मुंबई और आसपास के क्षेत्र की बुनियादी ढांचे को और मज़बूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में जापान सरकार और जापानीज इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस परियोजना को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने महान समाजसेवियों जैसे बाबा साहेब आंबेडकर और स्व. आनंद दिघे को भी श्रद्धांजलि दी, जिनके आदर्शों को इस विकास के ज़रिए आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र को विकास कार्यों के लिए बधाई देते हुए मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने पर जोर दिया, जो महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक और दार्शनिक परंपराओं का सम्मान करता है।
इस मेट्रो लाइन के उद्घाटन ने मुंबई की तस्वीर को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जहां भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट को समय के अनुसार तेजी से पूरा किया जा रहा है। यह परियोजना महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से भी कार्यरत है, जिसमें 10 महिला ट्रेन कैप्टन को प्रारंभिक चरण में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही, स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए इंटरनेट और वाईफाई की सुविधाएं भी जल्द उपलब्ध होंगी, जिसके लिए एयरटेल, वोडाफोन और जियो जैसी कंपनियों से बातचीत चल रही है। एयरटेल की सेवाएं कुछ स्टेशनों पर पहले ही शुरू हो चुकी हैं।
मुंबई मेट्रो के कुछ स्टेशनों के नामों में भी बदलाव किया गया है, जिसमें बांद्रा स्टेशन को बदलकर बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) किया गया है। इसके अलावा, छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टी1 और टी2 टर्मिनल, जो पहले क्रमशः डोमेस्टिक और इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से जाने जाते थे, का भी नाम बदल दिया गया है। मेट्रो के सात स्टेशन नॉटम (न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड) तकनीक से बनाए गए हैं, जिसमें सीमित स्थानों पर सुरंग बनाकर उन्हें विस्तारित किया गया है। इन प्रमुख स्टेशनों में चकाला, हुतात्मा चौक और कालबादेवी शामिल हैं।
यह मेट्रो लाइन न केवल मुंबई की वर्तमान यातायात समस्याओं को हल करने में मदद करेगी, बल्कि यह शहर की आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और सुविधाजनक परिवहन विकल्प प्रदान करेगी।