राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई में ऐतिहासिक दीक्षांत समारोह: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का महत्वपूर्ण योगदान

26 अक्टूबर 2024 का दिन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भिलाई के लिए एक स्वर्णिम अवसर बन गया, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस संस्थान के तीसरे और चौथे संयुक्त दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस समारोह में उन्होंने विभिन्न इंजीनियरिंग शाखाओं के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। समारोह में राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने विद्यार्थियों को याद दिलाया कि यह दिन उनके लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है, जहां उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक और सक्षम व्यक्ति के रूप में समाज में प्रवेश करना है। उन्होंने आईआईटी भिलाई द्वारा आदिवासी समाज की प्रगति के लिए तकनीकी क्षेत्र में किए गए प्रयासों की सराहना की। आईआईटी भिलाई ने हेल्थटेक, ऐग्रीटेक, और थिंकटैंक जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे यह संस्थान न केवल तकनीकी शिक्षा में, बल्कि सामाजिक मुद्दों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

राष्ट्रपति ने बताया कि आईआईटी भिलाई ने एम्स रायपुर के साथ मिलकर मोबाइल ऐप्स विकसित किए हैं, जिससे ग्रामीण लोगों को चिकित्सा सहायता प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के साथ सहयोग से किसानों के लिए ‘क्रॉप डॉक्टर’ नामक मोबाइल ऐप्लिकेशन का उपयोग किया जा रहा है, जिससे लगभग 6 लाख किसान अपने संसाधनों का सही उपयोग कर पा रहे हैं।

उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे नई तकनीकों के विकास की दिशा में आगे बढ़ें, जैसे कि एआई, ब्लॉकचेन, और क्वांटम कम्प्यूटिंग, और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रयास करें। राष्ट्रपति ने देश में तकनीकी उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित 23 आईआईटी का भी उल्लेख किया, जो विकसित भारत की पहचान बनाने में सहायक होंगे।

राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि आईआईटी भिलाई की स्थापना ने छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा की कमी को पूरा किया है और इस संस्थान का स्थायी परिसर जल्द ही राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहर का जिक्र करते हुए कहा कि यह संस्थान सामाजिक और आर्थिक प्रासंगिकता के मुद्दों पर कार्य कर रहा है, जिसमें नदियों का पुनरुद्धार और राज्य की अमूर्त विरासत का संरक्षण शामिल है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह अवसर छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है कि राष्ट्रपति इस समारोह में उपस्थित हैं। उन्होंने तकनीक को विकास का मुख्य स्तंभ बताते हुए कहा कि आईआईटी भिलाई के छात्र राज्य और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि आईआईटी भिलाई, छत्तीसगढ़ में एक आईटी पार्क की स्थापना में भी सहयोग कर रहा है, जो युवा पीढ़ी के लिए नए अवसर प्रदान करेगा।

समारोह में आईआईटी भिलाई के बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष के. वेंकटरमन, निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश, और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। यह दीक्षांत समारोह न केवल विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह भारतीय तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने का भी प्रतीक है।