सुरक्षा के मद्देनजर इस्लामाबाद और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल, अर्धसैनिक बल रेंजर्स, और सेना के जवानों की तैनाती की गई है। आतंकवाद से जुड़े बढ़ते खतरे और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) द्वारा चलाए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। एससीओ जैसे उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन में सुरक्षा के लिहाज से कोई भी चूक पाकिस्तान के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।
विदेशी प्रतिनिधिमंडलों का आगमन इस्लामाबाद में शुरू हो चुका है, जिसमें रूस, चीन, ईरान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, और किर्गिस्तान समेत कई देशों के उच्चाधिकारी शामिल हैं। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को पाकिस्तान रवाना होंगे। इस बैठक में अर्थव्यवस्था, व्यापार, पर्यावरण, और सामाजिक-सांस्कृतिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, इस आयोजन की अध्यक्षता करेंगे, जो एससीओ के सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे।
यह आयोजन न केवल पाकिस्तान की राजनयिक छवि के लिए बल्कि दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा, और सहयोग के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान के सामने आंतरिक सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता की चुनौती के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बैठक कितनी सफल होती है और इसमें क्या निर्णय लिए जाते हैं, जो भविष्य में क्षेत्रीय सहयोग को प्रभावित कर सकते हैं।