मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और सुविख्यात कथावाचक देवी चित्रलेखा की आत्मीय भेंट
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में सुविख्यात कथावाचक देवी चित्रलेखा ने सौजन्य भेंट की। इस भेंटवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें शॉल एवं श्रीफल भेंटकर आत्मीय सम्मान प्रदान किया और उनके आध्यात्मिक योगदान की सराहना की। देवी चित्रलेखा, जो अपनी प्रेरक कथाओं, भक्ति प्रवचनों और समाज को दिशा देने वाले उपदेशों के लिए प्रसिद्ध हैं, ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में हो रहे विकास कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने राज्य के जनकल्याण और समाज उत्थान के लिए अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री साय ने देवी चित्रलेखा के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणादायक कथाएँ न केवल लोगों को धार्मिक आस्था से जोड़ती हैं, बल्कि नैतिक मूल्यों को भी सशक्त करने का कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि देवी चित्रलेखा जैसी विभूतियाँ समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाती हैं और उनके प्रवचन न केवल आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाते हैं, बल्कि जनमानस में नैतिकता और सामाजिक सद्भाव को भी प्रोत्साहित करते हैं।
इस अवसर पर दोनों के बीच आध्यात्मिक चेतना के प्रसार, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, समाज में नैतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और धार्मिक धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में देवी चित्रलेखा जैसे आध्यात्मिक प्रवक्ताओं का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने देवी चित्रलेखा के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी कथाएँ समाज में भक्ति, श्रद्धा और करुणा का संचार करती हैं और लोगों को जीवन के सच्चे मूल्यों से परिचित कराती हैं।
देवी चित्रलेखा ने भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सामाजिक कल्याण और सांस्कृतिक उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ाने के लिए विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना आवश्यक है, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ी रहें। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने धार्मिक प्रवचनों और कथा मंचों के अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे वे देशभर में लाखों लोगों को भक्ति और सत्कर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रही हैं।