हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024: मोदी बनाम राहुल की प्रचार जंग, किसकी मेहनत दिखाएगी ज्यादा असर?
हरियाणा/जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 : पीएम मोदी और राहुल गांधी के चुनाव प्रचार की होड़ ने मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया। 16 अगस्त को चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा के बाद से दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टियों के लिए मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों राज्यों में कुल 8 चुनावी कार्यक्रम किए, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 15 चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जिससे वह प्रचार के मामले में पीएम मोदी से काफी आगे रहे।
50 दिनों से अधिक चले चुनावी अभियान के दौरान, दोनों नेताओं ने रैलियों, सभाओं और रोड शो के माध्यम से जनता तक पहुंचने की कोशिश की। चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में जनसभाओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद के जरिए प्रचार अभियान को गति दी। मोदी ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र, सोनीपत, हिसार और पलवल जिलों में रैलियां कीं, जबकि जम्मू-कश्मीर में डोडा, श्रीनगर, रियासी और जम्मू जिलों में सभाओं का आयोजन किया। उनके प्रचार की शुरुआत 14 सितंबर को हुई और उन्होंने 28 सितंबर को अपनी अंतिम रैली की।
दूसरी ओर, राहुल गांधी ने 22 अगस्त से ही अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी थी, जिसमें उन्होंने हरियाणा में 9 और जम्मू-कश्मीर में 6 कार्यक्रमों का नेतृत्व किया। हरियाणा विजय संकल्प यात्रा और रैलियों के जरिए उन्होंने करनाल, हिसार, अम्बाला, सोनीपत और महेंद्रगढ़ सहित अन्य प्रमुख क्षेत्रों में प्रचार किया। जम्मू-कश्मीर में उन्होंने रामबन, अनंतनाग, पुंछ और श्रीनगर जैसे जिलों में चुनावी सभाएं कीं, जहां मतदाताओं को कांग्रेस की नीतियों के प्रति आकर्षित करने का प्रयास किया।
अब, सभी की निगाहें चुनावी नतीजों पर टिकी हैं। प्रमुख सवाल यह है कि इन स्टार प्रचारकों के प्रयासों का किसे कितना फायदा होगा? जिन क्षेत्रों में इन नेताओं ने रैलियां और सभाएं की, वहां उनकी पार्टियों का प्रदर्शन कैसा रहा? नतीजे ही बताएंगे कि कौन सा प्रचार अधिक असरदार साबित हुआ और किसकी रणनीति ने मतदाताओं के दिलों में जगह बनाई।