दशहरा पर्व एवं रावण पुतला दहन के लिए दिशा-निर्देश
गरियाबंद 06 अक्टूबर 2020/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री छतर सिंह डेहरे ने जिले में नोवेल कोरोना कोविड-19 वायरस संकमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए जिले के विभिन्न स्थानों में दशहरा पर्व एवं रावण पुतला दहन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश प्रसारित किया है। जिला दण्डाधिकारी के निर्देशानुसार – रावण (पुतला) की ऊंचाई 10 फिट से अधिक न हो। रावण दहन किसी बस्ती रहवासी इलाके में न हो। रावण दहन खुले स्थान पर किया जाये। रावण दहन कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित किसी भी हाल में 50 व्यक्तियों से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं होगें। आयोजन के दौरान केवल पूजा करने वाले व्यक्ति शामिल होगें। अनावश्यक भीड़ एकत्रित न होने देने की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। कार्यक्रम का यथासंभव ऑनलाईन माध्यमों आदि से प्रसारण किया जायें। रावण दहन के दौरान आयोजन का विडियोग्राफी कराया जाये तथा आयोजक एक रजिस्टर संधारित करेंगे एवं रावण दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नंबर दर्ज किया जायेगा एवं आयोजन करने वाले व्यक्ति अथवा समिति 04 सी.सी. टी.वी. लगायेंग, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोगा संकभित होने पर कांन्टैक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। प्रत्येक समिति/आयोजक समय पूर्व सोशल मिडिया में यह जानकारी देवे कि कोविड-19 कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए कार्यक्रम सीमित रूप से किया जायेगा। रावण दहन में कही भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल/फिजिकल डिस्टेसिंग मास्क लगाना एवं समय-समय पर सेनिटाईजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसार अनिवार्यतः बैरिकेटिंग कराये जाये। आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र. डी.जे. धुमाल, बैंड पार्टी बजाने की अनुमति नहीं होगी। रावण दहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। अनुमति उपरांत समिति द्वारा सोनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सिमीटर, हैण्डवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य व विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं दिये जाने की जिम्मेदारी समिति की होगी। कार्यक्रम आयोजन के दौरान अग्नि शमन की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्यतः किया जाना होगा। आयोजन के दौरान यातायात नियमों का पालन किया जावे। किसी प्रकार का यातायात बाधित न हो यह सुनिश्चित किया जाये। आयोजन के दौरान एन.जी.टी. व शासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिये निर्धारित मानकों, अधिनियम, भारत सरकार, माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का अनिवार्य से पालन किया जाना होगा। नियमों के उल्लंघन करने पर समिति/आयोजक जिम्मेदार होंगे। यदि कोई व्यक्ति जो रावण दहन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो इलाज का संपूर्ण खर्च रावण दहन आयोजकों/समिति द्वारा किया जायेगा। कन्टेनमेंट जोन में रावण दहन की अनुमति नहीं होगी। यदि रावण दहन कार्यक्रम के अनुमति के पश्चात उपरोक्त क्षेत्र कन्टेनमेंट जोन घोषित हो जाता है तो तत्काल कार्यक्रम निरस्त माना जायेगा एवं कन्टेनमेंट जोन के समस्त निर्देशो का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। एक आयोजन स्थल से दुसरे आयोजन स्थल की दूरी 500 मीटर से कम न हो। आयोजन स्थल के लिये पहले आओ पहले पाओ नीति के तहत जो आवेदन पहले प्राप्त होगा उसे पहले प्राथमिकता दिया जावेगा। इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश के अंतर्गत जारी एस.ओ.पी. का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। उक्त शर्तों का उल्लंघन अथवा किसी प्रकार के अव्यवस्था होने पर इसकी समस्त जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी, जिनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। उक्त शर्तों के अधीन 10 दिवस के पूर्व नगर पालिका/नगर पंचायत के संबंधित कार्यालय में निर्धारित शपथ-पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही पुतला दहन की अनुमति होगी। जिला दण्डाधिकारी का यह निर्देश तत्काल प्रभावशील हो गया है। निर्देश के उल्लंघन करने पर संबंधित के विरुद्ध एपिडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जावेगी।