केरल विधानसभा में राज्यपाल का संबोधन: केंद्रीय वित्तीय सहयोग में कमी से उत्पन्न नकदी संकट और सुधारात्मक कदमों पर जोर
तिरुवनंतपुरम: केरल की 15वीं विधानसभा के 13वें सत्र की शुरुआत शुक्रवार को हुई, जिसमें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने वामपंथी सरकार की नीतियों और राज्य के समक्ष मौजूद वित्तीय चुनौतियों को संबोधित किया। अपने विस्तृत अभिभाषण में उन्होंने सरकार के द्वारा राजस्व जुटाने और खर्चों में कटौती के प्रयासों का उल्लेख किया, लेकिन साथ ही राज्य की गंभीर वित्तीय स्थिति पर चिंता व्यक्त की।
राज्यपाल ने कहा कि केंद्र द्वारा राजकोषीय हस्तांतरण में कमी, जीएसटी क्षतिपूर्ति समाप्त होने, और राजस्व घाटा अनुदान में कटौती जैसी स्थितियों ने राज्य की आर्थिक सेहत को प्रभावित किया है। इसके बावजूद, सरकार ने विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाने की योजना बनाकर 16वें वित्त आयोग के पास अपनी चिंताओं को प्रस्तुत किया है।
सरकार की प्रमुख उपलब्धियां और नीतियां
राज्यपाल ने अपने भाषण में केरल सरकार की धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, संघवाद, सामाजिक न्याय, और विविधता के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने राज्य द्वारा जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों का भी उल्लेख किया। विशेष रूप से, कृषि क्षेत्र को पर्यावरण-अनुकूल तरीके से पुनर्जीवित करने और शिक्षा, स्वास्थ्य, मत्स्य पालन, और बुनियादी ढांचे के विकास में किए गए योगदान की सराहना की।
- आपदा प्रबंधन: राज्यपाल ने वायनाड के मेप्पाडी पंचायत में जुलाई 2024 में आई भूस्खलन त्रासदी के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को रेखांकित किया।
- सतत विकास: उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को लागू किया गया है।
- आवास योजनाएं: 4,24,800 परिवारों को सुरक्षित आवास देने और 1,13,718 नए घरों का समझौता पूरा करने का विशेष उल्लेख किया गया।
- उद्यमिता और निवेश: सरकार ने राज्य को कारोबार के अनुकूल बनाने और निवेश बढ़ाने के लिए कई सकारात्मक नीतियां लागू की हैं।
वित्तीय चुनौतियां और अपील
राज्यपाल ने वित्तीय संकटों के बावजूद सरकार की कार्यशीलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नकारात्मक सहयोग से राज्य को समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इसलिए, केंद्र से सकारात्मक सहयोग की अपील करते हुए राज्य के विकास को गति देने पर बल दिया।
अगले सत्र की प्रमुख गतिविधियां
विधानसभा का यह सत्र 17 जनवरी से 28 मार्च तक चलेगा और इसमें 27 बैठकें निर्धारित हैं। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 20 से 22 जनवरी तक होगी। 7 फरवरी को केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करेंगे।
राज्यपाल का संबोधन केरल सरकार की उपलब्धियों, विकास कार्यों, और सुधारात्मक नीतियों की दिशा में उठाए गए कदमों का प्रतिबिंब था। हालांकि राज्य को वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, सरकार ने इन चुनौतियों को दूर करने के लिए एक स्थिर और सतर्क दृष्टिकोण अपनाया है।