“भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम पर पहुंचाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर 27-29 जनवरी तक यूएई दौरे पर”
नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 27-29 जनवरी, 2025 तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले हैं, इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है। यह यात्रा भारत और यूएई के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने और भारत-यूएई संबंधों में नए आयाम जोड़ने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगी। विदेश मंत्री जयशंकर यूएई के नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग को और प्रगति देने के तरीके पर चर्चा की जाएगी।
अपनी यात्रा के दौरान, जयशंकर अबू धाबी में रायसीना मिडल ईस्ट के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देंगे, जो इस क्षेत्र में राजनीतिक संवाद का एक प्रमुख मंच है। इस संवाद से दोनों देशों के राजनीतिक और रणनीतिक विचारों का आदान-प्रदान होगा, जो यूएई और भारत के रिश्तों में एक नया मोड़ प्रदान करेगा। 1972 में शुरू हुआ भारत-यूएई राजनयिक संबंध एक मजबूत साझेदारी में तब्दील हो गए हैं, जो समय के साथ और गहरे हुए हैं, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2015 में यूएई दौरे के बाद।
भारत और यूएई के रिश्तों में एक अहम भूमिका भारतीय प्रवासियों की रही है, जो यूएई की जनसंख्या का लगभग 35 प्रतिशत हैं और वहां के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यूएई में रहने वाला लगभग 3.5 मिलियन भारतीय समुदाय देश के लिए एक महत्वपूर्ण श्रमबल है। वहीं, पेशेवर, उद्यमी और कुशल श्रमिकों के रूप में यह समुदाय अब विविधता में और वृद्धि कर चुका है, जो यूएई के आर्थिक संरचना का अहम हिस्सा बन चुके हैं। इन प्रवासियों का सांस्कृतिक योगदान भी अत्यधिक है, जिसके चलते कई भारतीय नागरिकों को पद्म पुरस्कार और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार जैसी प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुई हैं।
यह यात्रा भारत-यूएई रिश्तों की मज़बूती और दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ाएगी और इस तरह की साझेदारी की भूमिका राजनीतिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से दोनों देशों के विकास में अहम योगदान देने वाली रहेगी। COVID-19 महामारी के दौरान भी भारतीय प्रवासी समुदाय ने राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो दोनों देशों के बीच सहयोग और दोस्ती को और गहरा बनाता है।