ओडिशा में बाढ़ का कहर: 40,000 से ज्यादा लोग प्रभावित, बालासोर और मयूरभंज में हाई अलर्ट जारी
भुवनेश्वर: पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। खासतौर पर बालासोर और मयूरभंज जिलों में हालात काफी नाजुक बने हुए हैं, जहां 40,000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अधिकारियों ने दोनों जिलों के कलेक्टरों को अगले 24 घंटों के लिए हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। इन जिलों में सुवर्णरेखा, जलाका और बुधबलंगा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जो वहां की जनता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) कार्यालय के अनुसार, हालांकि सुवर्णरेखा और जलाका नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे घटने लगा है, लेकिन बालासोर के बलियापाल, बस्ता और भोगराई ब्लॉक्स के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए वहां के 35,600 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जिले के पांच ब्लॉकों- भोगराई, बस्ता, जलेश्वर, बालासोर सदर और रेमुना में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। राहत कार्यों के तहत 11,632 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और प्रभावित इलाकों में पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के लिए 51 निःशुल्क रसोई केंद्र स्थापित किए गए हैं।
इसी तरह मयूरभंज जिले में भी स्थिति चिंताजनक है, जहां 101 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। करीब 2000 लोग प्रभावित हुए हैं और 1600 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। क्योंझर जिले में भी पांच ब्लॉकों के 22 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जहां 1160 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। सुंदरगढ़ जिले के कुछ हिस्सों और राउरकेला शहर में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है।
बालासोर और मयूरभंज जिलों में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों के लिए 40 टीमों को तैनात किया गया है, जिनमें ओडीआरएएफ, एनडीआरएफ और अग्निशमन सेवा की टीमें शामिल हैं। बालासोर में 22 और मयूरभंज में 17 टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 56 पावर बोट भी तैनात किए गए हैं, ताकि राहत कार्य तेजी से हो सके।
सरकार की ओर से लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखी जा रही है और आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए अधिकारियों को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ-साथ उन्हें भोजन, दवा और अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों के लोगों की सुरक्षा और उनके पुनर्वास को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन की ओर से अतिरिक्त राहत सामग्री और बचाव दलों को तैनात किया गया है। सरकार की कोशिश है कि किसी भी तरह की अनहोनी को टाला जा सके और सभी प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिले।
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