“छत्तीसगढ़ में सुशासन का पहला वर्ष: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में विकास, पारदर्शिता और जनकल्याण से प्रदेश बना खुशहाली का प्रतीक”

रायपुर:  छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने अपना एक वर्ष सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह साल न केवल प्रशासनिक मोर्चे पर सरकार की उपलब्धियों के लिए उल्लेखनीय रहा है, बल्कि सुशासन और पारदर्शिता के नए मापदंड स्थापित करने के लिए भी जाना जाएगा। सरकार ने “विष्णु का सुशासन और मोदी की गारंटी” जैसे ध्येय वाक्य के साथ आगे बढ़ते हुए प्रदेश में विकास की गति तेज की है और जनता के दिलों में अपनी पहचान बनाई है।

इस उपलब्धि के पीछे सरकार की योजनाओं को प्रभावशाली ढंग से लागू करने और उसकी सकारात्मक छवि गढ़ने में मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। दयानंद ने प्रशासनिक अनुभव और नीतिगत कुशलता का उपयोग करते हुए सरकार के सुशासन की छवि को मजबूत करने में उत्कृष्ट कार्य किया है। राज्य में नई सरकार की छवि बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन दयानंद ने इसे सहजता से किया। वह पर्दे के पीछे रहकर अपनी भूमिका निभाने वाले उन अधिकारियों में से हैं, जो अपने काम के माध्यम से सरकार को नई दिशा देने में सक्षम हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही यह स्पष्ट कर दिया था कि पी. दयानंद उनकी टीम के एक मुख्य स्तंभ होंगे। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद दयानंद की नियुक्ति को प्राथमिकता देना यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री को उनकी काबिलियत पर पूरा भरोसा है। दयानंद ने राज्य में न केवल सरकार की नई योजनाओं को कुशलतापूर्वक लागू किया, बल्कि पिछले शासनकाल की नकारात्मक छवि को भी दूर करने का काम किया।

“सुशासन का एक साल, छत्तीसगढ़ हुआ खुशहाल” जैसे प्रभावशाली स्लोगन के माध्यम से सरकार ने राज्योत्सव और एक साल के कार्यकाल को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। जनसंपर्क विभाग के सचिव के रूप में पी. दयानंद ने जनता के बीच सरकार की योजनाओं और नीतियों को प्रभावी रूप से पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री आवास योजना, महतारी वंदन योजना, कृषक उन्नति योजना जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में उनके नेतृत्व में प्रयास किए गए। ये योजनाएं न केवल लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक साबित हुईं, बल्कि राज्य में विकास की एक नई उम्मीद भी जगी। इन योजनाओं की सफलता के पीछे दयानंद की रणनीतिक सोच और समर्पण का बड़ा योगदान है।

दयानंद की कार्यशैली में प्रशासनिक कसावट और विकास को गति देने के बीच संतुलन बनाए रखना उनकी विशेषता है। वह सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने में उतने ही कुशल हैं जितना नीतियों के क्रियान्वयन में। वह विश्वास रखते हैं कि एक मजबूत प्रशासनिक आधार और प्रभावी संवाद से ही जनता का भरोसा जीता जा सकता है।

सरकार के एक साल के कार्यकाल ने जनता में सकारात्मक वातावरण और भरोसे की भावना उत्पन्न की है। विकास परियोजनाओं और जनहितकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन ने प्रदेश में बदलाव की एक नई लहर लाई है। मुख्यमंत्री साय और उनके सचिव दयानंद के नेतृत्व में राज्य अब न केवल सुशासन का उदाहरण बन रहा है, बल्कि छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर भी है।