शेयर बाजार में युवा निवेशकों का वर्चस्व: 30 साल से कम उम्र के निवेशकों की हिस्सेदारी छह वर्षों में 40% तक पहुँची

मुंबई:  एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) की हालिया रिपोर्ट में यह सामने आया है कि भारतीय शेयर बाजार में युवा निवेशकों का प्रभुत्व तेजी से बढ़ रहा है। खासकर 30 साल से कम उम्र के निवेशकों की संख्या में एक बड़ा उछाल देखने को मिला है। मार्च 2018 में जहां इस आयु वर्ग के निवेशकों की हिस्सेदारी 22.9 प्रतिशत थी, वहीं अगस्त 2024 तक यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है। इस वृद्धि ने भारतीय शेयर बाजार में एक नया ट्रेंड स्थापित किया है, जहां युवा निवेशक तेजी से अपनी जगह बना रहे हैं और पुराने आयु समूहों की हिस्सेदारी में गिरावट आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, 30 से 39 और 40 से 49 वर्ष के निवेशकों की हिस्सेदारी में स्थिरता बनी रही है, लेकिन 50 से 59 वर्ष और 60 वर्ष से अधिक उम्र के निवेशकों की हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई है। मार्च 2018 में 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निवेशकों की हिस्सेदारी 12.7 प्रतिशत थी, जो अगस्त 2024 तक घटकर सिर्फ 7.2 प्रतिशत रह गई है। यह दर्शाता है कि बुजुर्ग निवेशक धीरे-धीरे बाजार से पीछे हट रहे हैं, जबकि युवा निवेशक बाजार में अधिक सक्रिय हो रहे हैं।

इस बदलाव के साथ ही, निवेशकों की औसत आयु में भी गिरावट दर्ज की गई है। मार्च 2018 में, युवा निवेशकों की औसत उम्र 38 वर्ष थी, जो 2024 तक घटकर 32 वर्ष हो गई है। इसी प्रकार, अन्य निवेशकों की औसत आयु भी कम हुई है, जो 2018 में 41.2 वर्ष थी, वह घटकर 35.8 वर्ष हो गई है। यह ट्रेंड इस बात का संकेत है कि भारतीय युवा पीढ़ी, जो पहले पारंपरिक निवेश साधनों की ओर अधिक झुकाव रखती थी, अब शेयर बाजार को अपनी प्रमुख निवेश रणनीति के रूप में अपना रही है।

बाजार के विशेषज्ञ इस बात पर सहमति जताते हैं कि टेक्नोलॉजी और डिजिटल प्लेटफार्मों के प्रसार ने युवाओं के लिए शेयर बाजार को अधिक सुलभ बना दिया है। ट्रेडिंग ऐप्स, ऑनलाइन रिसर्च, और आसानी से उपलब्ध वित्तीय जानकारी के माध्यम से युवा निवेशक तेजी से जागरूक हो रहे हैं और निवेश के निर्णय लेने में अधिक स्वतंत्र हो गए हैं। इसके अलावा, महामारी के दौरान आर्थिक अनिश्चितता ने भी युवा वर्ग को शेयर बाजार की ओर आकर्षित किया, जहां उन्हें बेहतर रिटर्न की संभावना नजर आई।

यह रुझान केवल शेयर बाजार की डेमोग्राफिक संरचना में बदलाव को ही नहीं दर्शाता, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के निवेश मॉडल को भी परिभाषित कर रहा है।