चक्रवाती तूफान ‘ताऊ ते’ मंगलवार को गुजरात तट से टकरायेगा, सौराष्ट्र से चलने वाली 56 रेलगाडियां रद्द
नई दिल्ली :- भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवाती तूफान ‘ताऊ ते’ और प्रभावी हो गया है। इसके मंगलवार तक गुजरात के तट के पास पहुंचने की संभावना है, जहां भारी वर्षा दर्ज की जाएगी। तूफान पोरबंदर और नलिया के बीच से गुजरात के तटों को पार कर सकता है। चक्रवात के कारण जूनागढ़, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, द्वारका, अमरेली, राजकोट, जामनगर और दीव सहित गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश हो सकती है।
पश्चिमी रेलवे ने कहा है कि गुजरात के सौराष्ट्र जाने वाली या वहां से चलने वाली 56 रेलगाड़ियों को एहतियात के तौर रद्द कर दिया गया है। महाराष्ट्र के तटीय शहर रत्नागिरी में कल भारी वर्षा हुई। मुंबई में भी आज दोपहर से वर्षा शुरू हो सकती है। मौसम विभाग ने ऑरेंज एलर्ट जारी किया है जिसके अऩुसार पश्चिमी महाराष्ट्र के समूचे पहाड़ी क्षेत्रों में विशेषकर कोल्हापुर और सतारा में आज और कल भारी से अति भारी बारिश हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवात ताऊते की स्थिति से निपटने की राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों तथा संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की है। कल उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री मोदी ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना सुनिश्चित करने के हरसंभव उपाय करने को कहा। उन्होंने बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेय जल जैसी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता बनाए रखने तथा नुकसान की जल्द बहाली के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री ने अस्पतालों में कोविड प्रबंधन, बिजली उपलब्धता पर आधारित वैक्सीन शीत श्रृंखला, औषधि भंडारण और अन्य चिकित्सा सुविधाएं तथा ऑक्सीजन टैंकरों की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए विशेष तैयारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि नियंत्रण कक्ष का कामकाज बिना रुके जारी रखा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जामनगर से ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा कम से कम करने के विशेष उपाय किए जाएं। जामनगर में चक्रवात के कारण अगले कुछ दिनों में भारी वर्षा की आशंका व्यक्त की गई है। मोदी ने राहत कार्यों में स्थानीय समुदायों को भी शामिल करने पर बल दिया।
बैठक में गृहमंत्री, गृहराज्य मंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह, नागर विमानन, बिजली, दूरसंचार, जहाजरानी, मत्स्य सहित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिव तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य और सदस्य सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और मौसम विभाग के महानिदेशक तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, गृहमंत्रालय और मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।