रायगढ़ में साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस और बैंक प्रबंधकों के बीच समन्वय बैठक

रायगढ़ :  बढ़ते साइबर अपराधों और ऑनलाइन ठगी के मामलों को रोकने के उद्देश्य से रायगढ़ में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें पुलिस और बैंक प्रबंधकों के बीच समन्वय पर जोर दिया गया। यह बैठक पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के मार्गदर्शन में रायगढ़ के पुलिस कंट्रोल रूम में हुई, जिसकी अध्यक्षता साइबर डीएसपी अभिनव उपाध्याय ने की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधों पर अंकुश लगाना और ठगी के शिकार लोगों को शीघ्र राहत दिलाना था।

साइबर डीएसपी अभिनव उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि पुलिस और बैंक अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय साइबर अपराधों की रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी अक्सर “म्यूल अकाउंट होल्डर्स” का इस्तेमाल करते हैं, जो मामूली रकम लेकर अपने दस्तावेजों के साथ बैंक खाते खोलते हैं और फिर उन खातों का इस्तेमाल अपराधी ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। बैठक में बैंक अधिकारियों से ऐसे म्यूल अकाउंट होल्डर्स की पहचान करने और कार्रवाई में सहयोग करने की अपील की गई।

बैठक के दौरान साइबर डीएसपी ने बैंक अधिकारियों को साइबर अपराधों के मामलों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझाया और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बैंक, फर्जी खातों, सीसीटीवी फुटेज और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को समय पर उपलब्ध कराए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि अदालत के आदेश मिलने पर पीड़ितों को राशि वापस करने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस और बैंक अधिकारियों के बीच समयसीमा पर चर्चा भी की गई।

साथ ही, एक कोर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने की घोषणा की गई, ताकि पुलिस और बैंक अधिकारी आसानी से संवाद कर सकें और आपस में समन्वय बना सकें। यह बैठक जिले में साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। बैंक प्रबंधकों ने भी इस बैठक में अपनी पूरी सहयोग देने का भरोसा जताया और अपनी लीगल टीम के माध्यम से पुलिस को हर संभव मदद प्रदान करने का वादा किया।

इस बैठक में साइबर सेल के प्रमुख कांस्टेबल दुर्गेश सिंह, राजेश पटेल, कांस्टेबल प्रशांत पंडा, प्रताप बेहरा, नवीन शुक्ला, रविंद्र गुप्ता, गजेंद्र प्रधान और प्रमोद सागर भी उपस्थित थे। इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि साइबर अपराधों को नियंत्रित किया जा सकेगा और ठगी के शिकार लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिल सकेगा।