“कुर्रम जिले में सांप्रदायिक हिंसा: 43 लोगों की हत्या, शिया समुदाय की प्रतिशोध की चेतावनी”
पेशावर: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के कुर्रम जिले में स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है, जहां हाल ही में सांप्रदायिक हिंसा के कारण कई लोगों की जान गई है। इस हिंसा का मुख्य कारण गुरुवार को बागान शहर में हुए घातक हमले को माना जा रहा है, जब लगभग 200 वाहनों के काफिले पर भारी गोलीबारी की गई। काफिले में ज्यादातर शिया मुसलमान यात्री शामिल थे, जो पेशावर और पाराचिनार शहर के बीच यात्रा कर रहे थे। इस हमले में 43 लोगों की जान चली गई और 16 अन्य घायल हुए। पुलिस और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयासों में लगे हुए हैं, लेकिन घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
कुर्रम क्षेत्र, जो अफगानिस्तान के नजदीक स्थित है, सांप्रदायिक हिंसा और भूमि विवादों का इतिहास रखता है। हमले के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है, और शिया समुदाय द्वारा हिंसा के प्रतिशोध की चेतावनी दी जा रही है। प्रतिबंधित शिया संगठन जैनबियून ब्रिगेड ने हमले का बदला लेने की कसम खाई है, और इसने इलाके में हिंसा की नई लहर को जन्म दिया है। इसके अलावा, गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सैन्य वाहनों को निशाना बनाते हुए ट्रकों में आग लगा दी और सड़कों को बंद कर दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंसा के कारण हालात लगातार बिगड़ रहे हैं और सुरक्षा की स्थिति अत्यधिक संवेदनशील हो गई है। पाराचिनार, जो शिया बहुल क्षेत्र है, में लोग अब अपनी जान बचाने के लिए अफगानिस्तान के साथ सीमा खोलने की मांग कर रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि बाजार, शैक्षिक संस्थान और कई सरकारी दफ्तर बंद हैं। प्रदर्शनकारी अब सरकार से पाराचिनार एयरपोर्ट को खोलने और वहां मुफ्त शटल सेवा की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं ताकि वे सुरक्षित यात्रा कर सकें।
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि कुर्रम में शिया-सुन्नी सांप्रदायिक संघर्षों ने नए सिरे से तूल पकड़ लिया है, और इलाके के लोग अपनी सुरक्षा के लिए सरकार की नाकामी पर गुस्से में हैं। सुरक्षा को लेकर स्थानीय मिलिशिया की तैनाती की भी मांग उठाई जा रही है, साथ ही मानवाधिकार संगठनों से भी मदद की गुहार लगाई जा रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, यह माना जा रहा है कि अगर सरकार की ओर से तत्काल कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो कुर्रम और इसके आस-पास के इलाकों में और भीषण हिंसा हो सकती है।