ममता बनर्जी और सुकांत मजूमदार के बीच सीमा सुरक्षा और राजनीति पर भिड़ंत

 कोलकाता:  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के बीच तीखी बयानबाजी ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा में चूक का आरोप लगाते हुए बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसएफ राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों को अनुमति देकर बंगाल को अस्थिर करने की साजिश कर रही है। ममता बनर्जी के इस आरोप के बाद केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुकांत मजूमदार ने उन पर पलटवार करते हुए उन्हें “असफल मुख्यमंत्री” करार दिया और कहा कि उनकी विदाई नजदीक है।

ममता बनर्जी के आरोप: बीएसएफ पर सवाल और केंद्र सरकार की योजना पर शक

ममता बनर्जी ने एक बड़े बयान में दावा किया कि बीएसएफ जानबूझकर बांग्लादेशी घुसपैठियों को बंगाल में प्रवेश करने दे रही है। उन्होंने कहा कि यह कार्य केंद्र सरकार की किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है। ममता ने इस स्थिति को “बंगाल को अस्थिर करने की रणनीति” बताते हुए कहा कि बांग्लादेशी आतंकी राज्य में आकर उपद्रव फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बीएसएफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य में अव्यवस्था का माहौल बनाने का दोष केंद्र सरकार की “असफल नीतियों” को दिया।

सुकांत मजूमदार का जवाब: ममता की बयानबाजी को बताया भ्रम

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए उनके बयान को “अंतिम स्तर का भ्रम” करार दिया। मजूमदार ने ममता पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वह अपने प्रशासन की नाकामियों को छिपाने के लिए बीएसएफ को बलि का बकरा बना रही हैं। उन्होंने ममता पर यह भी आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने सीमा चौकियों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया, जो सीमा सुरक्षा की स्थिति को और खराब कर रही है।

“बंगाल की पवित्रता को कलंकित किया”: मजूमदार का आरोप

सुकांत मजूमदार ने ममता सरकार के कामकाज की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा,

“ममता बनर्जी अपने प्रशासन के अक्षम अधिकारियों पर दोष मढ़ रही हैं और अब तक विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के बाद अपने बयान में यह बदलाव लाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन बंगाल के लोगों ने उनकी चालाकी को समझ लिया है। उन्होंने राज्य की पवित्रता को कलंकित किया है।”

मजूमदार ने ममता बनर्जी पर उनके पार्टी प्रतिनिधियों के कुकर्मों को छिपाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे अपराधियों और विदेशी घुसपैठियों को शरण देकर राज्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

बंगाल की राजनीति में बढ़ता टकराव

यह बयानबाजी भारतीय राजनीति में गहराते विभाजन और बंगाल की राजनीति में जारी उथल-पुथल को उजागर करती है। ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच तनाव नया नहीं है, लेकिन इस बार के आरोप-प्रत्यारोप ने राज्य और केंद्र की नीतियों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

बंगाल का भविष्य और राजनीतिक दिशा

इस बयान युद्ध ने बंगाल के नागरिकों को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उनकी सरकार और प्रशासन वास्तव में उनकी सुरक्षा और प्रगति के लिए कितना सक्षम है। ममता बनर्जी के घुसपैठ के आरोप और सुकांत मजूमदार के पलटवार ने राज्य में होने वाले आगामी चुनावों की दिशा को भी प्रभावित किया है।

इस घटनाक्रम ने न केवल राजनीति में नए मुद्दे जोड़े हैं, बल्कि राज्य में सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही की गंभीरता पर बहस को भी जन्म दिया है।