“विष्णु से बड़ा होने का दावा: ‘मैं शून्य में विलीन, जाग्रत चेतना का अधिपति हूं, पृथ्वी का राजा बनूंगा’ – महाकुंभ 2025 में IITian बाबा के बयान से सनसनी

उत्तर प्रदेश :  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने विश्वभर के श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक यात्रा पर लुभाया है। गंगा के किनारे बसे इस पवित्र मेले में न केवल तीर्थयात्रियों, बल्कि साधु-संतों की भीड़ ने इस आयोजन को भव्य और दिव्य बना दिया है। हालांकि, इस बार महाकुंभ में चर्चा का केंद्र बने हैं IITian बाबा अभय सिंह ग्रेवाल, जो अपनी अनूठी जीवन यात्रा और विवादास्पद बयानों के कारण सुर्खियां बटोर रहे हैं।

इंजीनियर से सन्यासी का सफर

एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज IIT के पूर्व छात्र, अभय सिंह ग्रेवाल ने तकनीकी और आधुनिकता की दुनिया को पीछे छोड़ आध्यात्मिकता का रास्ता अपनाया। उनका दावा है कि उन्होंने अपने भीतर अद्वितीय चेतना का अनुभव किया है, जो उन्हें ईश्वर से भी बड़ा बनाती है। उनके इस बयान, “मैं विष्णु से बड़ा हूं, शून्य में समाहित हूं, और मेरी चेतना जाग्रत है,” ने महाकुंभ के साधु-संतों के बीच हलचल मचा दी है।

आधुनिकता और अध्यात्म का विचित्र मेल

IITian बाबा न केवल अपने बयान बल्कि अपने कार्यों और जीवनशैली के कारण भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। गंगा किनारे तांत्रिक अनुष्ठान करने वाले बाबा ने दावा किया कि उन्हें अद्वितीय सिद्धियां प्राप्त हैं। बाबा का कहना है, “मैं स्वयं ब्रह्म हूं, मैं पृथ्वी का राजा बनूंगा।” उनका यह कथन न केवल विवादों को जन्म दे रहा है, बल्कि महाकुंभ में आने वाले हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

क्रिकेट और विश्व कप की स्क्रिप्ट का दावा

IITian बाबा का एक और अजीबोगरीब दावा है जिसने क्रिकेट प्रेमियों के बीच हलचल मचा दी। उन्होंने कहा, “वर्ल्ड कप और क्रिकेट के हर मैच की स्क्रिप्ट मैं तय करता हूं। हार्दिक पंड्या को आखिरी ओवर में गेंदबाजी करवाने का निर्देश भी मैंने ही दिया था।” बाबा ने यह भी कहा कि उन्हें महादेव से निर्देश मिलते हैं, और वह केवल वही करते हैं जो उन्हें आदेशित होता है।

महाकुंभ में भक्तों और साधु-संतों की प्रतिक्रिया

IITian बाबा के दावों ने महाकुंभ में आए बड़े साधु-संतों और भक्तों के बीच दोहरे प्रभाव पैदा किए हैं। जहां कई संतों ने उनके बयानों को खारिज कर दिया और इसे एक पागलपन का प्रदर्शन बताया, वहीं कुछ ने उनकी सिद्धियों को चुनौती दी। महाकुंभ में बाबा की लोकप्रियता इस हद तक बढ़ गई है कि उनके दर्शन के लिए भक्त बड़ी संख्या में गंगा किनारे पहुंच रहे हैं।

महाकुंभ में धार्मिक संवाद का केंद्र

IITian बाबा का यह यात्रा न केवल महाकुंभ में विवाद का कारण बनी है बल्कि आधुनिकता और अध्यात्म के बीच संवाद को भी पुनर्जीवित कर रही है। इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के बाबा के दावे एक नई तरह की धार्मिक चेतना और आध्यात्मिक सोच को उजागर करते हैं।

महाकुंभ के ऐतिहासिक और अनोखे पल का प्रतीक

प्रयागराज का महाकुंभ हमेशा से अद्वितीय संतों और उनकी अनोखी यात्राओं के लिए मशहूर रहा है। हालांकि, IITian बाबा जैसे चरित्र इस आयोजन को एक नई पहचान और चर्चा का विषय बना रहे हैं। उनके दावे भविष्य में भारतीय अध्यात्म और धर्म के आधुनिक स्वरूप पर एक बड़ी बहस को जन्म दे सकते हैं।

IITian बाबा की यात्रा यह संदेश देती है कि व्यक्ति अपनी सोच और विश्वास से कितनी ऊंचाई पर पहुंच सकता है। यह महाकुंभ न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि विश्वास और आधुनिकता के संगम का मंच भी बनता जा रहा है।