“मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जगदलपुर में भूमिपूजन कार्यक्रम में लिया भाग, क्षेत्रीय विकास के नए चरण की शुरुआत”
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में जगदलपुर पहुंचकर एक भूमिपूजन कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें राज्य के चावल निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ सरकार ने चावल उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य के चावल निर्यातकों को मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क से पूरी तरह से छूट देने का ऐलान किया। यह छूट उन निर्यातकों को दी जाएगी जो राज्य के राइस मिलर्स और मंडियों के माध्यम से खरीदे गए धान से गैर-बासमती चावल का निर्यात करेंगे।
इस कदम का उद्देश्य छत्तीसगढ़ से गैर-बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देना और राज्य के किसानों और चावल मिलर्स को अधिक लाभ देना है। सरकार का यह निर्णय छत्तीसगढ़ के चावल उद्योग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक साबित होगा। राज्य सरकार ने मंडी शुल्क और किसान कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करने की अधिसूचना को राजपत्र में प्रकाशित करने के लिए जारी कर दिया है। यह छूट एक वर्ष तक लागू रहेगी, जिससे निर्यातकों को सुनिश्चित लाभ होगा।
निर्यातकों को इस छूट का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें भी पूरी करनी होंगी। उदाहरण के तौर पर, निर्यातकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके शिपिंग बिल में चावल के कार्गो का मूल स्थान छत्तीसगढ़ लिखा हो। इसके अतिरिक्त, छत्तीसगढ़ के वस्तु एवं सेवा कर (GST) विवरण, लदान बिल और बैंक री-कॉसिलेशन स्टेटमेंट की एक प्रति संबंधित मंडी में प्रस्तुत करनी होगी। साथ ही, राज्य के पंजीकृत चावल निर्यातकों और राइस मिलर्स को एक घोषणा पत्र देना होगा, जिसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेख हो कि चावल छत्तीसगढ़ से खरीदे गए धान से तैयार किया गया है। इसके अलावा, राइस मिलर्स को मंडी अधिनियम के तहत चावल निर्यातकों को परमिट जारी करने होंगे।
इस छूट से राज्य के चावल उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी और यह प्रदेश को चावल उत्पादन और निर्यात में एक अग्रणी स्थान दिलाने के रास्ते खोल सकता है।