“मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बस्तरिया बटालियन में आत्मीय दौरा: जवानों और किसानों के प्रति गहरा स्नेह”

छत्तीसगढ़ :  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में बस्तर जिले के सेडवा स्थित सीआरपीएफ के बस्तरिया बटालियन के कैंप में रात्रि विश्राम के दौरान अपने व्यवहार और आत्मीयता से सभी का दिल जीत लिया। मुख्यमंत्री ने जवानों के साथ समय बिताते हुए न केवल उनके कार्यों की सराहना की, बल्कि उनके परिवारों से जुड़ाव दिखाकर एक अनोखी मिसाल पेश की।

सुबह विदा होते समय मुख्यमंत्री ने बस्तरिया बटालियन की जवान प्रमिका दुग्गा से बातचीत की और उनके हालचाल जानने के साथ-साथ उनके परिवार से भी संवाद स्थापित किया। प्रमिका ने अपनी मां मोतीबाई को फोन पर बात करने के लिए जोड़ा, और यह बातचीत बेहद आत्मीय और अपनत्व से भरी रही। मुख्यमंत्री ने प्रमिका की मां से घर के सभी सदस्यों का हालचाल पूछा और खेती-बाड़ी की जानकारी ली। उन्होंने खेतों में धान की कटाई और परिवार द्वारा उगाई जाने वाली फसलों के बारे में बड़े ही सहज और अपनत्व भरे स्वर में बातचीत की।

मुख्यमंत्री ने विनोदपूर्ण अंदाज में उनसे चापड़ा चटनी खिलाने की इच्छा व्यक्त की, जिस पर मोतीबाई ने बड़े उत्साह से कहा कि जब मुख्यमंत्री उनके घर आएंगे, तो वह जरूर चापड़ा चटनी खिलाएंगी। इस अनौपचारिक बातचीत ने मुख्यमंत्री और एक साधारण किसान परिवार के बीच गहरा जुड़ाव प्रदर्शित किया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

कैंप में रात्रि विश्राम के दौरान मुख्यमंत्री ने जवानों के साथ भोजन किया और उन्हें भोजन परोसते हुए उनके समर्पण और देशभक्ति के प्रति आभार व्यक्त किया। जवानों के साथ बिताए इस खुशनुमा समय में मुख्यमंत्री की सादगी, गर्मजोशी और अपनापन झलकता रहा। उनके इस व्यवहार ने यह साबित कर दिया कि वे न केवल प्रदेश के मुखिया हैं, बल्कि अपने हर नागरिक, विशेषकर जवानों और किसानों, के प्रति व्यक्तिगत जुड़ाव रखते हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

मुख्यमंत्री ने अपने संवाद के दौरान यह संदेश दिया कि जवान और किसान देश के दो मजबूत स्तंभ हैं। जहां एक ओर जवान सीमाओं पर देश की रक्षा में जुटे हैं, वहीं किसान देश को अन्न प्रदान कर उसकी नींव को मजबूत बना रहे हैं। “जय जवान, जय किसान” के आदर्श को साकार करते हुए मुख्यमंत्री ने इन दोनों वर्गों के प्रति अपना आदर प्रकट किया और यह सुनिश्चित किया कि सरकार उनके हितों और कल्याण के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री और मोतीबाई के बीच हुई चापड़ा चटनी की चर्चा केवल एक व्यंजन तक सीमित नहीं थी। इसने छत्तीसगढ़ की अतिथि सत्कार की परंपरा और हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी उजागर किया। मुख्यमंत्री ने मोतीबाई को प्रणाम कर बातचीत समाप्त की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वे अपने प्रदेश के हर नागरिक को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह दौरा केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था। जवानों के साथ उनके जुड़ाव और किसानों के प्रति उनकी आत्मीयता ने यह दिखा दिया कि वे प्रदेश के हर नागरिक के साथ गहरे सरोकार रखते हैं। उनका यह व्यवहार प्रदेश में सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास का संचार करता है, जो हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक है।