कांग्रेस संगठन में बदलाव और चुनावी रणनीति पर मंथन: मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में अहम बैठक

नई दिल्ली :   कांग्रेस पार्टी के संगठन को मजबूत करने और आगामी चुनावों की तैयारियों को गति देने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की अगुवाई में एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में कांग्रेस महासचिवों और विभिन्न राज्यों के प्रभारियों को शामिल किया गया था, जिसमें पार्टी के संगठनात्मक सुधार, नए पदाधिकारियों की नियुक्ति और चुनावी रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूत करना और आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक प्रभावी रणनीति तैयार करना था। राहुल गांधी ने बैठक में पार्टी के हाल के चुनावी प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए संगठन को मजबूत करने और पार्टी की साख बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए। इस दौरान, महासचिवों और प्रभारियों को राज्यों में पार्टी की स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए।

बिहार, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल पर विशेष फोकस

बैठक में खासतौर पर उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया जहां कांग्रेस को हाल के चुनावों में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं, जबकि केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। वर्तमान में बिहार में एनडीए, केरल में एलडीएफ और पश्चिम बंगाल में टीएमसी सत्ता में है, जिससे कांग्रेस के लिए इन राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करना एक बड़ी चुनौती है।

कांग्रेस की रणनीति मुख्य रूप से उन मतदाताओं को आकर्षित करने पर केंद्रित होगी जो हाल के वर्षों में पार्टी से दूर हो गए हैं। विशेष रूप से, युवा, किसान और मध्यम वर्ग कांग्रेस के प्रमुख फोकस क्षेत्र होंगे। पार्टी इन वर्गों को जोड़ने के लिए नए अभियानों और जनसंपर्क कार्यक्रमों की योजना बना रही है।

खड़गे का बिहार दौरा: ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ के तहत नए चुनावी अभियान की शुरुआत

बैठक में यह भी तय किया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 22 फरवरी को बिहार के बक्सर में ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय दौरे पर जाएंगे। इस दौरे को महज एक आम सभा के रूप में नहीं देखा जा रहा, बल्कि इसे कांग्रेस के चुनावी शंखनाद के रूप में देखा जा रहा है।

बक्सर में होने वाला यह कार्यक्रम कांग्रेस की दलित, पिछड़े और हाशिए पर खड़े वर्गों तक अपनी पहुंच बनाने की रणनीति का हिस्सा है। यह अभियान सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि कांग्रेस इसे अन्य राज्यों में भी विस्तार देने की योजना बना रही है।

बिहार कांग्रेस में सक्रियता: प्रभारी कृष्णा अल्लवारू की एंट्री

बिहार कांग्रेस के नए प्रभारी कृष्णा अल्लवारू भी 20 फरवरी को तीन दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं। प्रभारी बनाए जाने के बाद यह उनका पहला बिहार दौरा होगा, जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। इस दौरे के दौरान वे पार्टी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलकर जमीनी हकीकत का आकलन करेंगे और संगठन को सक्रिय करने की योजना पर काम करेंगे।

चुनावी गठबंधन और विपक्षी एकता पर चर्चा

बैठक में आगामी चुनावों के लिए विपक्षी दलों के साथ संभावित गठबंधन और समन्वय पर भी मंथन किया गया। कांग्रेस का लक्ष्य राज्यवार गठबंधन की संभावनाओं को तलाशना और भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा करना है। बिहार में, पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ चुनावी तालमेल पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।

कांग्रेस की नई रणनीति: जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर जोर

बैठक के दौरान यह स्पष्ट संकेत मिले कि कांग्रेस अब नई रणनीति और जनसंपर्क अभियानों के माध्यम से अपने संगठन को मजबूती देने पर जोर देगी। पार्टी नेतृत्व ने महासचिवों और प्रभारियों को राज्यों में अधिक सक्रियता दिखाने और मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

आने वाले महीनों में कांग्रेस पार्टी की गतिविधियां तेज हो सकती हैं, विशेष रूप से उन राज्यों में जहां पार्टी को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एक आक्रामक चुनावी अभियान चलाने की तैयारी कर रही है, जिससे पार्टी को मजबूत करने और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सके।