छत्तीसगढ़ में बिटकॉइन घोटाले और धान खरीदी की राजनीति: गरमाई सियासत पर बयानबाजी तेज

रायपुर :  छत्तीसगढ़ में बिटकॉइन घोटाले की जांच और ईडी की कार्रवाई को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

बिटकॉइन घोटाले पर ईडी की कार्रवाई और सियासी विवाद

बिटकॉइन घोटाले में ईडी की छापेमारी के बाद, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सीधे तौर पर भूपेश बघेल पर सवाल उठाते हुए पूछा, “गौरव मेहता और भूपेश बघेल के बीच क्या रिश्ता है?” मुख्यमंत्री का कहना है कि जांच में सब स्पष्ट हो जाएगा और दोषियों को बचने का कोई मौका नहीं मिलेगा।

इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा, “मैं किसी गौरव मेहता को नहीं जानता। भाजपा किस प्रूफ के आधार पर मेरा नाम ले रही है? अगर ऐसा है, तो यह मानहानि का मामला है, और मैं इसके खिलाफ केस करूंगा।” बघेल ने भाजपा पर बेबुनियाद आरोप लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष केवल सियासी फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।

धान खरीदी को लेकर किसानों की समस्याएं और आरोपों का दौर

धान खरीदी प्रक्रिया को लेकर भी सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार पर किसानों को ठगने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि “धान खरीदी की नीति से छोटे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।”

बघेल ने दावा किया कि:

  • राज्य के सभी कलेक्टरों को अनावारी (फसल उत्पादन की रिपोर्ट) को कम बताने का आदेश दिया गया है।
  • बायोमेट्रिक प्रणाली के कारण धान खरीदी में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
  • टोकन देने में देरी, बारदाने की कमी और समय पर भुगतान न होने की समस्या गंभीर है।
  • कई धान संग्रहण केंद्रों में धान खरीदने की प्रक्रिया रुकी हुई है।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं को सुलझाने के बजाय उन्हें नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि “यह केवल बड़े किसानों के लिए काम कर रही है और छोटे किसानों को हाशिए पर धकेल रही है।”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जवाब

मुख्यमंत्री साय ने बघेल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “धान खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली लागू की गई है। बारदाने की उपलब्धता और समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है।”

साय ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “भूपेश बघेल की सरकार के कार्यकाल में भी किसानों को इन्हीं समस्याओं का सामना करना पड़ा था। अब वे किसानों के मुद्दों को लेकर राजनीति कर रहे हैं।”

राजनीतिक माहौल और जनता पर प्रभाव

बिटकॉइन घोटाले और धान खरीदी जैसे मुद्दे छत्तीसगढ़ में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दलों के लिए बड़े हथियार बन गए हैं। जहां ईडी की कार्रवाई ने विपक्ष को सरकार पर सवाल उठाने का मौका दिया है, वहीं किसान नीति से जुड़ी समस्याओं ने सत्तारूढ़ दल को दबाव में डाल दिया है।दोनों पक्षों के बीच इस तीखी बयानबाजी के चलते राज्य की जनता असमंजस में है। बिटकॉइन घोटाले की जांच और धान खरीदी की स्थिति पर अंतिम निर्णय आने तक यह विवाद और गहराने की संभावना है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में जनता को सच्चाई का इंतजार है। जहां एक ओर घोटाले की जांच का परिणाम बड़ा सवाल है, वहीं किसानों की समस्याएं राज्य सरकार के लिए एक चुनौती बनी हुई हैं। आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर सियासी समीकरण और तेज हो सकते हैं।