डिप्टी सीएम अरुण साव का बड़ा बयान: सुशासन में भ्रष्टाचारियों पर सख्त शिकंजा, जेल की हवा खानी होगी हर गुनहगार को

रायपुर : छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सड़क निर्माण और मोवा ओवरब्रिज मरम्मत कार्य में घोर लापरवाही, भ्रष्टाचार, और गुणवत्ताहीन निर्माण को लेकर ऐतिहासिक कार्रवाई की है। उप मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के नेतृत्व में विभाग ने बीजापुर और रायपुर में इन परियोजनाओं से जुड़े कई अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। इस कार्रवाई को सरकार के भ्रष्टाचार के प्रति “जीरो टॉलरेंस” दृष्टिकोण का प्रतीक माना जा रहा है।

बीजापुर सड़क निर्माण परियोजना में गड़बड़ियां

बीजापुर के नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग पर चल रहे 54.40 किमी सड़क निर्माण के दौरान गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। जाँच में सामने आया कि संबंधित अधिकारियों और ठेकेदार ने आपसी मिलीभगत से सरकारी धन का गबन किया और गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराया।

जांच का विवरण

  • दिसंबर 2024 में गठित जांच दल ने सड़क निर्माण परियोजना का निरीक्षण किया।
  • रिपोर्ट में बताया गया कि किमी 29-32 और 50/10 के हिस्से में खराब सील कोट के कारण सड़क की सतह उखड़ गई है।
  • पुल निर्माण में अनियमितताएं मिलीं, जिनमें कमजोर सामग्री का उपयोग और अपर्याप्त बैकफिलिंग शामिल था।
  • किमी 41/2 से 50/10 के बीच कई स्थानों पर पॉटहोल्स (गड्ढे) देखे गए।

कठोर कार्रवाई

  • तत्कालीन कार्यपालन अभियंता बी.एल. ध्रुव, अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सिन्हा और उप अभियंता जी.एस. कोड़ोपी को दोषी पाया गया।
  • इन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
  • आर.के. सिन्हा और जी.एस. कोड़ोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, और उनके मुख्यालय को नवा रायपुर स्थानांतरित कर दिया गया।
  • सेवानिवृत्त प्रभारी कार्यपालन अभियंता बी.एल. ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा गया है।

रायपुर मोवा ओवरब्रिज मरम्मत में गड़बड़ी

राजधानी रायपुर में मोवा रेलवे ओवरब्रिज मरम्मत कार्य में भी बड़ी अनियमितताओं का खुलासा हुआ। जांच में गुणवत्ताहीन डामरीकरण (बिटुमिनस कार्य) पाया गया।

जांच निष्कर्ष

  • डामरीकरण में घटिया सामग्री और औसत बिटुमिन कंटेंट मानक से कम पाया गया।
  • डामरीकरण के तुरंत बाद सड़क पर गिट्टी निकलने लगी, जिससे यातायात बाधित हुआ।
  • यह पुष्टि हुई कि निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता मापदंडों का पालन नहीं किया गया।

दोषियों पर कार्रवाई

  • कार्यपालन अभियंता विवेक शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी रोशन कुमार साहू और तीन उप अभियंता (राजीव मिश्रा, देवव्रत यमराज और तन्मय गुप्ता) को निलंबित कर नवा रायपुर में पदस्थ किया गया।
  • मरम्मत कार्य के ठेकेदार केशवदास आर. जादवानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसमें उनके पंजीयन को निलंबित/पदावनत करने की अनुशंसा की गई है।

उपमुख्यमंत्री का बयान

अरुण साव ने अपने बयान में कहा कि यह कार्रवाई सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति दृढ़ नीति को दर्शाती है। उन्होंने दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का आश्वासन दिया और विभागीय मानकों को सख्ती से लागू करने की बात कही।

आगे की कार्रवाई

  • अधिकारियों और ठेकेदारों से मांगे गए जवाब के आधार पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाइयां की जाएंगी।
  • विभाग की ओर से भविष्य में निर्माण गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त निगरानी और मानकों की अनिवार्यता पर जोर दिया जाएगा।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया

इस कार्रवाई को प्रदेश में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने वाला कदम माना जा रहा है। जनता और सिविल सोसायटी के लोग इसे भ्रष्टाचार विरोधी दिशा में एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देख रहे हैं