“अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में चुनावी हिंसा और पुलिस की निष्क्रियता पर उठाए सवाल, लोकतंत्र की रक्षा में नागरिकों की भूमिका पर जोर”
आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में हो रही हिंसा और गुंडागर्दी पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हिंसा के पीछे कुछ बड़े नाम हैं, जिनके डर से दिल्ली पुलिस तक कार्रवाई करने में असमर्थ है। केजरीवाल ने सवाल किया कि वह कौन सा “गुंडा” है, जिसकी वजह से दिल्ली पुलिस ने पत्रकारों पर हुए हमले और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमलों की जांच में ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने बताया कि हाल ही में पत्रकारों पर हमला किया गया था, जिसमें एक पत्रकार का सिर फट गया, लेकिन पुलिस ने हमलावरों को छोड़ दिया और उलटे पत्रकारों को गिरफ्तार किया। यह घटना दिल्ली के प्रमुख स्थानों के पास, जैसे संसद और सुप्रीम कोर्ट के नजदीक हुई, और फिर भी पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठता है।
इसके अलावा, चुनावी माहौल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि गाड़ियों को नुकसान पहुंचाना, प्रचार सामग्री की जब्ती और खुलेआम धमकियां दी जा रही हैं। इस हिंसा से आम जनता में यह चिंता पैदा हो गई है कि अगर चुनावी माहौल में यह स्थिति है, तो चुनाव के बाद क्या होगा। उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र और स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों का अपमान बताया, जिन्होंने हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का अधिकार दिलाया था।
अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से पूछा कि क्या उन्हें किसी पोस्ट-रिटायरमेंट पद के बदले देश के लोकतंत्र को गिरवी रखने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह बयान चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। केजरीवाल ने कहा कि देश की जनता अब जागरूक हो चुकी है और यह तय कर लिया है कि वह इस गुंडागर्दी का सामना करेगी और लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की रक्षा करेगी। यह अब हर नागरिक की जिम्मेदारी बन गई है कि वह लोकतंत्र की रक्षा में योगदान दे।