अमित शाह का बयान : मोदी सरकार किसान हितों को प्राथमिकता देते हुए निर्यात को दे रही बढ़ावा
नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक प्रमुख घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने के लिए निर्यात को बढ़ावा दे रही है। यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उनकी आय में वृद्धि करने के लिए उठाया गया है।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तीन प्रमुख फैसले किए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला प्याज और बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को समाप्त करना है। उन्होंने बताया कि, ‘‘मोदी सरकार ने प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटा दिया है और निर्यात शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। इससे प्याज का निर्यात बढ़ेगा, जो प्याज उत्पादक किसानों की आय को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा।’’
शाह ने यह भी जानकारी दी कि बासमती चावल पर भी एमईपी समाप्त किया गया है, जिससे बासमती चावल के उत्पादक किसान अपने उत्पाद का निर्यात करके अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही, सरकार ने कच्चे पाम, सोया और सूरजमुखी तेलों के आयात पर शुल्क को 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत और रिफाइंड तेलों पर शुल्क को 13.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 35.75 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत में सोयाबीन और अन्य तेल फसलों के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे उनके उत्पादों की कीमतें बढ़ेंगी और उनकी आय में सुधार होगा।
इन फैसलों का उद्देश्य किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम दिलाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। अमित शाह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार का यह प्रयास किसानों की आय को बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में समृद्धि लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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