रणवीर अल्लाहबादिया विवाद के बाद सरकार डिजिटल कंटेंट पर सख्त, नए कानून पर विचार

रणवीर अल्लाहबादिया के विवादित बयान के बाद देशभर में डिजिटल कंटेंट को लेकर बहस तेज हो गई है। इसी बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भद्दे, अश्लील और हानिकारक कंटेंट पर नियंत्रण के लिए नए कानूनी ढांचे पर विचार करने की पुष्टि की है। मंत्रालय ने संसदीय समिति को दिए जवाब में बताया कि समाज में बढ़ती अश्लीलता और हिंसक सामग्री को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। मौजूदा कानूनों में इस तरह की सामग्री पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं हैं, जिससे नए और सख्त नियमों की जरूरत महसूस की जा रही है।

रणवीर अल्लाहबादिया विवाद और सरकार की सख्ती

हाल ही में ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो के दौरान रणवीर अल्लाहबादिया की विवादित टिप्पणी ने बड़े पैमाने पर आलोचना झेली। उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया, हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी लेकिन उनके बयान की कड़ी निंदा की। इस मामले के बाद डिजिटल कंटेंट को लेकर सख्ती की मांग और तेज हो गई है।

नए कानून की आवश्यकता क्यों?

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि डिजिटल मीडिया पर कई बार बोलने की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया जा रहा है। कई संस्थाओं, जिनमें उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय महिला आयोग शामिल हैं, ने भद्दे और अश्लील कंटेंट पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान नियम मुख्य रूप से प्रिंट और टेलीविजन मीडिया के लिए बनाए गए थे, जो डिजिटल मीडिया को प्रभावी ढंग से नियंत्रित नहीं कर सकते।

नए नियमों की दिशा में सरकार का कदम

मंत्रालय ने घोषणा की है कि 25 फरवरी को इस विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें विस्तृत कानूनी प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। 13 फरवरी को संसदीय समिति ने मंत्रालय से मौजूदा कानूनों में बदलाव पर चर्चा करने को कहा था, जिसके जवाब में मंत्रालय अब नए कानून की रूपरेखा तैयार कर रहा है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती भद्दी, हिंसक और अनुचित सामग्री को देखते हुए सरकार अब कड़े कानून लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस नए कानून का स्वरूप क्या होगा और यह किस हद तक डिजिटल कंटेंट पर प्रभाव डालेगा।