महाकुंभ 2025: संगम में 2.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, अखाड़ों का भव्य अमृत स्नान

महाकुंभ में मकर संक्रांति के अवसर पर संगम तट पर हुआ यह आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की अद्भुत आस्था का प्रतीक है। 13 अखाड़ों के साधु-संतों ने पारंपरिक रूप से अमृत स्नान कर धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया। इसमें सन्यासी, बैरागी, उदासीन और निर्मल अखाड़ों के हजारों साधु-संतों ने भाग लिया।

महामंडलेश्वरों और नागा सन्यासियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया। गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं ने इस अवसर को विशेष बनाया।

यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय युवाओं और समाज में सनातन धर्म के प्रति जुड़ाव और जागरूकता का भी उदाहरण है। ठंड और कोहरे के बावजूद संगम पर उमड़े श्रद्धालुओं के उत्साह ने इस आयोजन को और भी प्रेरणादायक बना दिया। स्थानीय लोगों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण की व्यवस्था ने इस आयोजन को सामुदायिक समर्पण का स्वरूप दिया।

महाकुंभ का यह स्नान पर्व न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई और उसकी सार्वभौमिकता का भी परिचायक है।