मिशन अमृत 2.0 के तहत छत्तीसगढ़ के तीन शहरों को मिलेगा शुद्ध पेयजल, 202 करोड़ से स्वीकृत योजना

 रायपुर :  छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के तीन शहरों लोरमी, मुंगेली, और तखतपुर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मिशन अमृत 2.0 के तहत एक महत्वपूर्ण योजना का अनावरण किया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के माध्यम से इस योजना के लिए 202 करोड़ 84 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है। यह योजना राज्य के लिए पहली ऐसी पहल होगी, जिसमें तीन अलग-अलग नगरीय निकायों को एक साथ शुद्ध पेयजल की व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी, और कुल 17,000 परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत लोरमी, मुंगेली और तखतपुर को खुड़िया जलाशय से पानी पहुंचाया जाएगा, जो एक बड़े पैमाने पर जल आपूर्ति व्यवस्था को साकार करेगा। उपमुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने बताया कि इन तीनों शहरों के नागरिकों की यह पुरानी मांग थी कि उन्हें शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए, और यह योजना इस मांग को पूरा करेगी। इस परियोजना से इन तीन शहरों में 24×7 शुद्ध पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, जिससे लाखों नागरिकों की जीवनशैली में सुधार आएगा।

योजना के तहत खुड़िया जलाशय से तीनों शहरों तक पानी लाने के लिए 75 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस प्रक्रिया में लोरमी में 8.5 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) क्षमता वाला जल शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा, ताकि जलाशय से पानी को पूरी तरह से शुद्ध किया जा सके। इसके साथ ही लोरमी नगर में 8 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन और 80 किलोमीटर की वितरण लाइन बनाई जाएगी, जिससे हर घर तक नल से जल पहुंचेगा।

इसके अलावा, तीन नए उच्च स्तरीय जलागार का भी निर्माण किया जाएगा, जहां जल एकत्रित करके फिर उसे पेयजल वितरण प्रणाली में भेजा जाएगा। पानी को जलागार से ग्रेविटी पद्धति से 70 किलोमीटर दूर लोरमी, मुंगेली और तखतपुर तक पहुँचाया जाएगा, जिससे बिजली और मशीनों की खपत में बचत होगी। यह पद्धति पर्यावरण और संसाधन के दृष्टिकोण से भी अधिक फायदेमंद होगी।

यह परियोजना पूरी तरह से अत्याधुनिक स्कॉडा (Supervisory Control and Data Acquisition) पद्धति से संचालित होगी, जो पानी की आपूर्ति की निगरानी और प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाएगी। इस प्रणाली के तहत किसी भी संकट के दौरान जल आपूर्ति की तत्काल स्थिति पता लगाई जा सकेगी, और जल वितरण व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

यह परियोजना केवल तीनों शहरों में शुद्ध पानी की उपलब्धता ही नहीं सुनिश्चित करेगी, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह कदम राज्य सरकार की जनता की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि इस परियोजना से न केवल इन शहरों में पानी की समस्या हल होगी, बल्कि इससे इनके इन्फ्रास्ट्रक्चर और जलापूर्ति व्यवस्थाओं में भी एक नया आयाम जुड़ेगा।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना मिशन अमृत 2.0 के उद्देश्यों के तहत बड़ा कदम साबित होगा, जो शहरी इलाकों में पानी की आपूर्ति के स्तर को बढ़ावा देता है और पूरे प्रदेश में हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण जल उपलब्ध कराने की दिशा में नई मिसाल पेश करेगा।