“उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा: किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए 24 घंटे दरवाजे खुले”

नई दिल्ली:  राजा महेंद्र प्रताप की 138वीं जयंती के अवसर पर दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों के महत्व और उनकी समस्याओं पर गहरी चिंता जताई। इस अवसर पर उन्होंने जोर देकर कहा कि हम अपने अपनों से नहीं लड़ते हैं और न ही उन्हें धोखा देते हैं, बल्कि हमें अपने किसानों को गले लगाकर उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढना चाहिए। उनका यह बयान समाज में एकजुटता और सहयोग का संदेश देने के उद्देश्य से था।

धनखड़ ने कहा कि किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय विकास के मार्ग में प्रमुख बाधाओं के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है, तो किसानों की संतुष्टि और उनके मुद्दों का समाधान करना आवश्यक है। किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार और किसानों के बीच खुली चर्चा और संवाद को बढ़ावा देना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने टकरावपूर्ण रवैये को समाप्त करने और आपसी सम्मान के साथ कूटनीति का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उपराष्ट्रपति ने कृषि मंत्री शिवराज चौहान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पहले से ही सक्रिय रूप से चर्चा की है। उन्होंने किसान समुदाय से आग्रह किया कि वे रचनात्मक बातचीत में शामिल हों ताकि समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा सकें। धनखड़ ने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए पूरी तरह से समर्पित है और उनका दरवाजा 24 घंटे किसानों के लिए खुला रहेगा।

कार्यक्रम में, उपराष्ट्रपति ने राजा महेंद्र प्रताप के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयास और विचारधारा ने स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ किसानों के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह संकल्प लिया कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।

इसके अलावा, विपक्ष ने इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं को संतुष्ट करने के लिए केवल शब्दों से काम नहीं चलेगा, बल्कि इसके लिए ठोस नीतियों और कार्यान्वयन की आवश्यकता है। विपक्ष ने यह भी कहा कि जबकि आर्थिक वृद्धि और बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है, किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करना देश के विकास के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

धनखड़ ने इस मौके पर यह भी कहा कि एक विकसित भारत की यात्रा किसानों के खेतों से शुरू होती है और किसानों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करना चाहिए, ताकि देश की आन-बान को कोई आघात न पहुंचे। उनका यह बयान किसानों के प्रति उनके समर्पण और सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।