मध्य प्रदेश सरकार का साइबर अपराधों पर सख्त कदम: हर थाने में साइबर डेस्क की शुरुआत

मध्य प्रदेश:  मध्य प्रदेश में साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। साइबर ठगी के नए-नए तरीकों से जनता को बचाने और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य के हर थाने में एक विशेष साइबर डेस्क की स्थापना की जाएगी। हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साइबर अपराध रोकथाम को लेकर राज्य साइबर सेल का दौरा किया और अधिकारियों के साथ गहन चर्चा की।

 

मुख्यमंत्री यादव ने साइबर पुलिस द्वारा की गई “डिजिटल अरेस्ट” कार्रवाई की सराहना की। इस मामले में दुबई के एक कारोबारी को साइबर ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की जा रही थी। इस घटना में भारतीय साइबर पुलिस की तत्परता और सक्रियता से अपराधियों को भागने पर मजबूर होना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना का उल्लेख अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में किया, जिससे यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।

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मुख्यमंत्री ने जनता को जागरूक करते हुए “डिजिटल अरेस्ट” जैसी ठगी से सतर्क रहने की अपील की और समझाया कि “डिजिटल अरेस्ट” जैसी कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं होती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को इस तरह की धोखाधड़ी का सामना करना पड़े, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें। साथ ही, उन्होंने कहा कि ऑनलाइन फ्रॉड के खिलाफ राज्य भर में व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, ताकि लोग साइबर ठगी से बच सकें।

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इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने फोन पर उस दुबई के कारोबारी से बात की जो इस ऑनलाइन ठगी का शिकार बनने से बाल-बाल बच गया था, और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और हरसंभव प्रयास कर रही है। सरकार साइबर सेल को भी और अधिक संसाधन और आधुनिक तकनीक प्रदान कर रही है ताकि अपराधों पर जल्दी से जल्दी अंकुश लगाया जा सके और नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल वातावरण मिल सके।

राज्य के लोगों को अब उम्मीद है कि साइबर ठगी की घटनाओं में जल्द ही कमी आएगी और उन्हें इन अपराधों से बचाने के लिए मजबूत सुरक्षा तंत्र विकसित किया जाएगा।