“योगी आदित्यनाथ का चुनावी नारा ‘बंटोगे तो कटोगे’ अब शादी के कार्ड में, गुजरात में बनी चर्चा का विषय”

 गुजरात :  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चुनावी नारा ‘बंटोगे तो कटोगे’ अब भारतीय राजनीति में एक चर्चित और विवादास्पद बयान बन चुका है, जो न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि अन्य राज्यों में भी तेजी से वायरल हो रहा है। हाल ही में, इस नारे का प्रभाव गुजरात, महाराष्ट्र, और झारखंड में भी देखा जा रहा है। इस नारे का राजनीतिक प्रभाव इतना गहरा है कि गुजरात के भावनगर जिले के महुवा तहसील में एक बीजेपी कार्यकर्ता ने अपने भाई की शादी के कार्ड पर इसे छपवाया है, जो चर्चा का विषय बन गया है।

23 नवंबर को होने वाली इस शादी के कार्ड में सीएम योगी के द्वारा चुनावी रैलियों में दिया गया नारा “बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे नेक रहोगे”छपा हुआ है। कार्ड में न केवल इस नारे का उल्लेख है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी शामिल की गई हैं। साथ ही, राम मंदिर का चित्रण, स्वच्छता अभियान और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का संदेश भी कार्ड पर दिया गया है। यह कदम इसलिए भी ध्यान आकर्षित कर रहा है क्योंकि यह नारा और कार्ड की थीम हिंदू एकता और राष्ट्रवाद के संदेश को प्रमुख रूप से बढ़ावा देती है।

योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में झारखंड में एक रैली के दौरान इस नारे को दोहराया था, जिसमें उन्होंने नागरिकों से जातिवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, “जातियों में बंटने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन हमें एकजुट रहना चाहिए और हर स्थिति में नेक बने रहना चाहिए।” इस नारे को उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष की आलोचना करते हुए यह भी जोड़ा कि ये ताकतें देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को लाकर समाज में विभाजन करने की कोशिश कर रही हैं। सीएम योगी का यह बयान हिंदू समुदाय को एकजुट करने और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया गया था।

इस नारे का असर न केवल चुनावी रैलियों में दिखा, बल्कि यह आम जीवन में भी छाया हुआ है, जैसा कि गुजरात में इस शादी के कार्ड से स्पष्ट होता है। शादी का यह कार्ड न केवल एक पारंपरिक विवाह का हिस्सा बन चुका है, बल्कि यह एक राजनीतिक संदेश देने का भी एक अनूठा तरीका बन गया है। जहां एक ओर यह नारा लोगों के बीच एकजुटता का आह्वान कर रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे राजनीतिक रूप से भी एक ताकतवर बयान माना जा रहा है।

बीजेपी कार्यकर्ता का कहना है कि इस कदम के पीछे उनका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को फैलाना है, जिससे समाज में एकता और स्वदेशी संस्कृति का संवर्धन हो सके। यह कदम उन लोगों के लिए भी एक प्रतीकात्मक संदेश है जो राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विभाजन के खिलाफ हैं।