नेपाल में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से तबाही: 205 लोगो की गयी जान, बिहार में तटबंध टूटने से गांव जलमग्न

काठमांडू:  नेपाल में पिछले कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने विनाशकारी हालात पैदा कर दिए हैं, जिसके चलते नेपाल और भारत के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ और तबाही का मंजर छा गया है। नेपाल में आई भीषण आपदा से अब तक 205 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 130 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और 24 लोग लापता हैं। नेपाल की नदियों में उफान के कारण पहाड़ों से गिरते मलबे और बाढ़ का पानी गांवों और शहरों को निगलता जा रहा है। नेपाल सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों को सक्रिय कर दिया है, जिससे अब तक 4,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। पीड़ितों के लिए खाने-पीने और रहने की मुफ्त व्यवस्था की गई है।

नेपाल से आ रहा पानी बिहार के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में कहर बरपा रहा है, जहां कोसी, बागमती और गंडक नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ चुका है। इन नदियों का विकराल रूप दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पश्चिमी चंपारण के कई इलाकों में देखने को मिल रहा है। तेज धारा के कारण तटबंधों पर भारी दबाव बना हुआ है, जिसके चलते अब तक सात प्रमुख तटबंध टूट चुके हैं। इस विनाशकारी बाढ़ से दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं, और हजारों लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि सड़कों पर पानी का सैलाब उमड़ पड़ा है, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है।

इसके अलावा, पश्चिम चंपारण में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व तक में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे वन्यजीवन और जैव विविधता पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने स्थिति पर नजर रखते हुए बताया कि कई तटबंधों की मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है, लेकिन बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अभी भी बहुत अधिक काम बाकी है।

नेपाल और बिहार के बीच खाद्य आपूर्ति भी बाधित हो गई है, क्योंकि भूस्खलन के चलते राजमार्ग बंद हो गए हैं। सब्जियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रुकने से कीमतों में भारी उछाल देखा जा रहा है। भारतीय दूतावास के अधिकारी नेपाल में फंसे भारतीयों से संपर्क में हैं और हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं।

नेपाल और बिहार की यह आपदा एक मानवीय संकट में तब्दील हो चुकी है, जिसमें राहत कार्यों को और तेज करने की आवश्यकता है।