पाकिस्तान: क्वेटा में पोलियो का नया मामला, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

कराची:  पाकिस्तान के क्वेटा में पोलियो वायरस का 18वां मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। दो साल का बच्चा पोलियो की चपेट में आकर अपंग हो गया है। यह मामला क्वेटा में इस साल का दूसरा और बलूचिस्तान में 13वां केस है, जो बताता है कि इस क्षेत्र में पोलियो उन्मूलन अभियान में कई चुनौतियां हैं। बलूचिस्तान में लगातार पोलियो के टीके देने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं, जिससे अभियान को बड़ा धक्का लगा है।

इस्लामाबाद में राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र की एक बैठक में अधिकारियों ने इस स्थिति पर चिंता जताई और बताया कि पोलियो उन्मूलन के प्रयासों में व्यवधान डालने वाली घटनाएं गंभीरता से बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की अधिकारी आयशा रजा फारूक ने कहा कि बलूचिस्तान के कई इलाकों में टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक बच्चे को पोलियो की खुराक मिलनी चाहिए, ताकि वायरस का प्रसार रोका जा सके।

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आयशा रजा फारूक ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के 66 जिलों में पोलियो का खतरा मौजूद है और इन क्षेत्रों में बच्चों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे पांच साल से कम उम्र के अपने बच्चों को पोलियो की दो बूंदें जरूर पिलाएं, ताकि बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सके। वहीं, क्वेटा में हालिया मामले के बाद, पोलियो उन्मूलन अभियान के समक्ष चुनौतियां और भी जटिल हो गई हैं, क्योंकि स्थानीय समुदाय में इस टीकाकरण अभियान को लेकर जागरूकता की कमी और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति विरोध बढ़ता जा रहा है।

पोलियो उन्मूलन के लिए चल रहे इस महत्वपूर्ण अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ समुदाय के लोगों को भी सहयोग देना आवश्यक है। लेकिन बार-बार आ रहे इन मामलों ने न सिर्फ पाकिस्तान के पोलियो उन्मूलन प्रयासों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।