काशी में बाढ़ का प्रलय: लोग छतों पर बसा रहे आश्रय, जलस्तर में निरंतर वृद्धि
वाराणसी: काशी में गंगा नदी का रौद्र रूप देखकर लोग दहशत में हैं। चेतावनी बिंदु को पार करने के बाद गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में स्थिति भयावह हो गई है। गंगा के बढ़ते जलस्तर ने शहर को अस्तित्व संकट में डाल दिया है, और लोग अपनी जान बचाने के लिए अपने-अपने तरीके से सुरक्षा उपाय कर रहे हैं।
सड़क पर बहने लगी गंगा, शवों को नाव से ले जाया जा रहा है- गंगा के उफान ने मारुति नगर में सड़क पर पानी भर दिया है, और मणिकर्णिका घाट की गलियों में नावें चल रही हैं। यहां शवों को अंत्येष्टि के लिए नावों से श्मशान घाट तक ले जाया जा रहा है। सामनेघाट, वरुणापार, और बेटावर जैसे इलाकों में गंगा अब सड़क पर बह रही है, जिससे स्थानीय लोगों को नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 80 घाटों को डुबोने के बाद गंगा का रुख बस्तियों की ओर हो गया है, और इसने लोगों को सुरक्षित ठिकाना खोजने पर मजबूर कर दिया है।
बलिया और गाजीपुर में भी बढ़ा जलस्तर- बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर 58.32 मीटर पर बह रहा है, जबकि गाजीपुर में यह चेतावनी बिंदु 62.70 मीटर के ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार, बनारस में गंगा का जलस्तर 70.43 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से महज 83 सेंटीमीटर नीचे है।
शहर में बाढ़ का असर: लोग छतों और रिश्तेदारों के घरों में शरण ले रहे हैं– गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घरों में घुस चुका है। लोगों ने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले रखी है, और कई लोग किराए के मकानों में रह रहे हैं। नगवां में 100 से अधिक घरों में पानी सात फीट से अधिक घुस चुका है, और लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। रमना में 20 एकड़ से अधिक फसल बाढ़ के पानी में समा गई है, जिससे किसान चिंतित हैं।
बाढ़ की चपेट में आई फसल और आवास- चिरईगांव और अन्य क्षेत्रों में बाढ़ ने 700 एकड़ से अधिक फसल को अपनी चपेट में ले लिया है। फसलों के डूबने से किसान निराश हैं और अपनी फसल के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वरुणा नदी में बाढ़ के कारण लोगों को अपने घरों की पहली मंजिल डूबने के बाद छतों पर आश्रय बनाना पड़ा है।
निवारण के उपाय और स्थिति पर नजर – भैंसासुर घाट पर जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। लोगों ने अपने सामानों को सुरक्षित स्थानों पर रखने की तैयारी शुरू कर दी है, और बाढ़ के पानी से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं।
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