मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों को मिल रही नई राह, शिक्षा और सफलता की ओर बढ़ते कदम
रायपुर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों और नक्सल हिंसा से पीड़ित बच्चों को बेहतर शिक्षा और उज्जवल भविष्य प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है। राज्य सरकार की आस्था और प्रयास आवासीय विद्यालय योजना के माध्यम से इन क्षेत्रों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को स्थिरता, सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य न केवल इन बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है, बल्कि उन्हें देश की प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना भी है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, कांकेर, कोरबा और जशपुर समेत 12 जिलों में संचालित प्रयास विद्यालयों में वर्तमान में 5254 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें 2891 बालक और 2367 बालिकाएं शामिल हैं। वहीं, नक्सली हिंसा के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए ‘आस्था आवासीय विद्यालय’ संचालित किए जा रहे हैं, जहां उन्हें शिक्षा के साथ-साथ आवास, भोजन, खेलकूद और अन्य सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। राज्य में चल रही ‘मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना’ के तहत आस्था, प्रयास और सहयोग घटकों को शामिल किया गया है, जिससे वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों की उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
सरकार अनुसूचित क्षेत्रों और नक्सल प्रभावित आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विद्यार्थियों को केवल स्कूली शिक्षा तक सीमित नहीं रख रही है, बल्कि उन्हें इंजीनियरिंग, मेडिकल, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE), चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA), कंपनी सेक्रेटरी (CS), कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं की कोचिंग भी उपलब्ध करा रही है। इससे इन बच्चों को अपने दम पर प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में मदद मिल रही है। वर्तमान में दंतेवाड़ा जिले में ‘आस्था गुरुकुल आवासीय विद्यालय’ संचालित किया जा रहा है, जिसमें कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को संपूर्ण शिक्षा, आवास, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में प्रयास आवासीय विद्यालय की नींव पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में वर्ष 2010 में रखी गई थी। राजधानी रायपुर में सबसे पहले 200 सीटों वाला यह विद्यालय स्थापित किया गया था, जिसके बाद धीरे-धीरे इस योजना का विस्तार किया गया। इन विद्यालयों में निजी कोचिंग संस्थाओं को ‘रुचि की अभिव्यक्ति’ प्रक्रिया के तहत चयन कर विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में राज्य में कुल 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें हजारों विद्यार्थियों को शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
रायपुर स्थित प्रयास विद्यालयों में ही वर्तमान में 884 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इन विद्यालयों की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक 122 विद्यार्थी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), 356 विद्यार्थी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) और 70 विद्यार्थी विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने में सफल रहे हैं। इसके अलावा, हाल ही में आयोजित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) परीक्षा में भी 6 अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की, जो कभी प्रयास विद्यालय के छात्र रह चुके थे।
छत्तीसगढ़ सरकार प्रयास विद्यालयों के विद्यार्थियों को शुरू से ही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रही है। 9वीं और 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को NTSE, ओलंपियाड, गणित और विज्ञान पहेली जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है, जिससे उनकी आधारशिला मजबूत हो सके। वहीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को JEE (मेंस/एडवांस) और NEET की तैयारी कराई जाती है। वर्तमान में 173 विद्यार्थी JEE मेंस और 61 विद्यार्थी NDA (नेशनल डिफेंस एकेडमी) प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
प्रयास विद्यालयों के शैक्षणिक प्रदर्शन की बात करें तो इनका 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम लगभग शत-प्रतिशत रहता है। वर्ष 2024 में 10वीं के 174 विद्यार्थियों में से 123 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए, जिनमें 74 विद्यार्थियों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए। वहीं, 12वीं कक्षा में 95 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए, जबकि 62 विद्यार्थियों ने JEE मेंस क्वालीफाई किया, जिनमें से 33 विद्यार्थियों ने JEE एडवांस भी क्वालीफाई किया। इसी तरह, इस वर्ष 5 विद्यार्थियों ने IIT, 4 विद्यार्थियों ने NIT और 9 विद्यार्थियों ने ट्रिपल आईटी (IIIT) में प्रवेश प्राप्त किया।
सरकार की यह पहल न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों को सुरक्षित वातावरण में शिक्षा प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा और प्रतिष्ठित करियर की ओर भी अग्रसर कर रही है। इस योजना की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयास, इन विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने और राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।