राज्योत्सव के जोर में ग्रामीण का सच्चा: 24 वर्ष बाद भी ग्रामीण वंचित है मूलभूत सुविधाओं से, कौन पूछे इनका हाल
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर | छत्तीसगढ़ 5 नवंबर को पूरे जोश से राज्य उत्सव मना रहा है। लेकिन इस जश्न के बीच आज हम आपको एक ऐसी हकीकत से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसे देख शायद इस उत्सव की खुशी फीकी पड़ जाए। ये कहानी उन ग्रामीणों की है, जिनके पास आज भी सड़क, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच सकी हैं। विभाजन के समय यहां के लोगों ने सपना देखा था कि अब छत्तीसगढ़ के गांवों में विकास की किरण पहुंचेगी, लेकिन 24 साल बाद भी कई गांवों की हालत जस की तस है।
हरकटनपारा गांव की दर्द भरी कहानी
छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले का हरकटनपारा गांव, जो घने जंगलों के बीच बसा है, आज भी पिछड़ेपन का शिकार है। यहां का जीवन इतना कठिन है कि पहुंचने के लिए कच्ची और कीचड़ भरी सड़कों का सहारा लेना पड़ता है। बारिश के मौसम में यह रास्ता एक चुनौती बन जाता है, जहां चारपहिया वाहन तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। यहां परंपरागत बैगा जनजाति के लोग रहते हैं, जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
विकास का दावा और हकीकत का फासला
सरकारी कागजों में इस गांव का विकास दिखाया गया है, लेकिन असलियत कुछ और ही है। बैगा जनजाति के लोगों को संरक्षण देने की बातें होती हैं, लेकिन इन लोगों के पास ना पक्की सड़क है, ना बिजली, ना पानी।
नेताओं के खोखले वादे
स्थानीय निवासी कहना है, “हर चुनाव में नेता आते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सब कुछ भूल जाते हैं। सरपंच और विधायक ने सड़क और अन्य सुविधाओं का वादा किया था, पर आज तक कुछ नहीं हुआ।” एक बुजुर्ग महिला ने बताया, “जब मैं बीमार होती हूं, तो लोग चारपाई पर उठाकर सड़क तक ले जाते हैं। मैं भी चाहती हूं कि मेरे गांव में पक्की सड़क हो।”
जंगली जानवरों का खतरा और टूटे मकान
गांव के लोग जंगली जानवरों के खतरे से हमेशा जूझते रहते हैं। हाथियों का झुंड कभी भी गांव में आकर तबाही मचाता है, और लोग अपने कच्चे मकानों में जान बचाने की कोशिश करते हैं। मकानों की स्थिति देखकर लगता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ यहां के लोगों को नहीं मिला है।
प्रशासन के दावे पर सवाल
जब जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ की सीईओ वैशाली सिंह से इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने रटे-रटाए जवाब दिए। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन लोगों को लाभ नहीं मिला है, उन्हें जल्द ही योजना का लाभ दिया जाएगा।” पर सवाल यह उठता है कि प्रशासन को मीडिया में खबर आने के बाद ही जागरूकता क्यों आती है?
कब मिलेगी बुनियादी सुविधाएं?
पक्की सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं इस गांव में कब तक पहुंचेंगी, यह सवाल अनुत्तरित है।