अर्जेंटीना की पूर्व राष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडीज पर अमेरिकी प्रतिबंध: भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अमेरिका में प्रवेश पर रोक
ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना) : अमेरिकी विदेश विभाग ने अर्जेंटीना की पूर्व राष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडीज पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उनके अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले के तहत उनके पूर्व योजना मंत्री जूलियो मिगुएल डी विडो और उनके परिवार के सदस्यों पर भी यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है। अमेरिका ने यह कदम अर्जेंटीना में भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायिक फैसलों और सरकारी स्तर पर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि फर्नांडीज और डी विडो ने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर सरकारी ठेकों से जुड़े कई भ्रष्टाचार घोटालों को अंजाम दिया, जिसमें रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं के जरिए अर्जेंटीना सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि विभिन्न न्यायालयों ने दोनों नेताओं को भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की पुष्टि की है। इस प्रतिबंध के साथ अमेरिका ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त नीति अपनाएगा और सरकारी पदों का दुरुपयोग करने वालों को जवाबदेह ठहराएगा।
अर्जेंटीना की राजनीति में लंबे समय तक एक प्रभावशाली नेता रहीं फर्नांडीज को पहले भी कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। नवंबर में, अर्जेंटीना के एक न्यायाधिकरण ने उनके खिलाफ छह साल की जेल की सजा और सार्वजनिक पद पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के आदेश को बरकरार रखा था। 2022 में, तीन न्यायाधीशों के पैनल ने उन्हें एक धोखाधड़ी योजना के तहत दोषी ठहराया था, जिसमें उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं के जरिए बड़े पैमाने पर धन का गबन किया गया था। हालांकि, उन्होंने अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपील की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ मूल फैसले की पुष्टि की।
फर्नांडीज ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है और वर्तमान में जेल में नहीं हैं, लेकिन उनके खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों और अमेरिका द्वारा लगाए गए यात्रा प्रतिबंध ने उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ अमेरिका की नीति को और मजबूती मिली है और यह संदेश गया है कि सरकारी पदों का दुरुपयोग करने वालों को वैश्विक मंच पर भी जवाबदेह ठहराया जाएगा।