“अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की दिल्ली यात्रा: भारत-अमेरिका साझेदारी और आईसीईटी पहल पर महत्वपूर्ण चर्चा”
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन की दो दिवसीय दिल्ली यात्रा, जो रविवार से शुरू हो रही है, भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह यात्रा विशेष रूप से ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने पद से 20 जनवरी को विदाई लेने वाले हैं और डोनाल्ड ट्रंप 47वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ‘महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी पर पहल’ (आईसीईटी) समेत कई क्षेत्रीय, रणनीतिक और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। व्हाइट हाउस द्वारा शुक्रवार को इस यात्रा की पुष्टि करते हुए कहा गया कि जेक सुलिवन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेंगे।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने इस यात्रा को सुलिवन के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अंतिम यात्रा के रूप में संदर्भित किया और कहा कि वह इस दौरान भारतीय नेताओं से बातचीत करने के लिए बेहद उत्साहित हैं। सुलिवन की यह यात्रा विदेश मंत्री एस. जयशंकर, भारतीय तकनीकी संस्थान (IIT), दिल्ली के प्रतिनिधियों और भारतीय उद्यमियों के साथ संवाद स्थापित करने का भी एक अवसर प्रदान करेगी।
आईसीईटी (अमेरिका-भारत पहल) का लॉन्च मई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के द्वारा किया गया था और इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करना है। इस यात्रा के दौरान, सुलिवन आईसीईटी के तहत हुए कदमों का उल्लेख करेंगे और यह इस पहल को और भी प्रभावशाली बनाने के लिए भारत और अमेरिका के लिए सहकार्य के नए रास्ते खोलने की संभावना दिखाते हैं।
भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों का मानना है कि आईसीईटी तकनीकी और व्यापारिक क्षेत्रों में समन्वय को मजबूत कर दोनों देशों के बीच साझेदारी को और गहरा करेगा। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 2024 में आईसीईटी राउंडटेबल के दौरान इस पहल के महत्व को उजागर करते हुए कहा था कि दोनों देशों को विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, बायो-टेक और अन्य उभरते हुए तकनीकी क्षेत्रों में सबसे आगे रहना चाहिए। साथ ही सुलिवन ने बताया कि आईसीईटी का मूल उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ाना है, जिससे दोनों देशों का तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र और अधिक समृद्ध हो सके।