एड्स नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत सोशल प्रोटेक्शन सिंगल विंडो माॅडल का प्रशिक्षण आयोजित

गरियाबंद :- राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम संगठन नई दिल्ली के निर्देशानुसार सोशल प्रोटेक्शन एकल खिडकी (सिंगल विंडो) माॅडल का सफल प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के तहत जिले के आई.सी.टी.सी केन्द्र के माध्यम से एचआईव्ही/एड्स संक्रमित व्यक्तियों/महिलाओं/विधवाओं/बच्चों एवं उच्च जोखिम समूह के लोगो के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जाने हेतु सोशल प्रोटेक्शन एकल खिड़की (सिंगल विंडो) माॅडल का प्रशिक्षण आयोजन 17 फरवरी को सम्पन्न हुआ।

जिसमें जिले के आई.सी.टी.सी केन्द्रो में कार्यरत परामर्शदाता, एसटीआई परामर्शदाता, लैब टेक्निशियन, एवं विहान व आहाना कार्यक्रम के लोगो के साथ कुछ एचआईव्ही मरीजों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण जिसमें सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत एचआईव्ही/एड्स संक्रमित को मिलने वाली योजनाएं जैसे – अंत्योदय अन्न योजना/निःशुल्क बस यात्रा पास/नोनी सुरक्षा योजना/वृध्दावस्था/विधवा/सुखद सहारा के बारे में जानकारी बताया गया एवं और इस योजना का लाभ सभी एचआईव्ही/एड्स के साथ जी रहे लोगो तक पहॅुचाना एवं प्रत्येक हितग्राही को योजना का लाभ प्रदाय करना। जिले अब सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत एचआईव्ही मरीजों के द्वारा सहमति पत्र प्रस्तुत करने के उपरांत अब तक 10 लोगो निःशुल्क बस यात्रा पास प्रदाय किया जा चुका हैै।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.आर. नवरत्न के मार्गदर्शन में जिला नोडल अधिकारी डाॅ. ए.के. हुॅमने ने प्रशिक्षण में बताया गया कि एचआईव्ही/एड्स अधिनियम 2017 (एच.आई.व्ही./एड्स एक्ट 2017) अधिनियम भारत सरकार द्वारा संपूर्ण देश के लिए 10 सितंबर 2018 को लागू किया गया, इस एक्ट के माध्यम से एच.आई.व्ही./एड्स के साथ जी रहे लोगों के प्रति एक ऐसा वातावरण निर्मित किया जाये जिससे कि इन्हें कार्य स्थलों शिक्षण संस्थानों, स्वास्थ्य सुविधाओं में किसी प्रकार की असुविधा महसूस न हो सके, इन सभी लोगो को समस्त अधिकारों से भी वंचित न किया जा सके।

इस एक्ट में यह भी व्यवस्था है कि जो लोग एच.आई.व्ही./एड्स के साथ जी रहें हैं उनके प्रति भेदभाव करते हैं तो भेदभाव करने वालों को दंडात्मक कार्यवाही से भी गुजरना पड़ सकता है। इस एक्ट के माध्यम से एच.आई.व्ही./एड्स के साथ जी रहे लोगों के मूलभूत अधिकारों, विधिक अधिकारों आदि की रक्षा की गई है। साथ ही बताया गया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रो में एच.आई.व्ही. जांच निःशुल्क किया जाता है एवं एच.आई.व्ही./एड्स मरीजों की जानकारी एवं पहचान समस्त आई.सी.टी.सी. केन्द्रों में गोपनीय रखा जाता है।

उक्त प्रशिक्षण के सफल आयोजन मे अमृत जगत, टीकेश साहू, सतरूपा चंद्राकर, धीरज शर्मा, विजय गजघाटे, सतीश पटेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।