नवरात्रि को लेकर जिला प्रशासन ने जारी की गाईड-लाईन दुर्गा प्रतिमाओं की ऊंचाई, पंडाल, श्रृद्धालुओं की संख्या और विसर्जन आदि के दिशा-निर्देश जारी
सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं
महासमुंद 29 सितम्बर 2020/- अगले माह 17 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाली नवरात्रि दुर्गा-पूजा को मद्देनजर और कोविड-19 के चलते नवरात्रि उत्सव को लेकर महासमुंद जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है। उत्सव के दौरान दुर्गा प्रतिमाओं की ऊंचाई, पंडाल, श्रृद्धालुओं की संख्या और विसर्जन आदि सहित कुल 28 दिशा-निर्देश जारी किए है। नवरात्रि के लिए 6 फीट से ऊंची और 5 फीट से चौड़ी मूर्ति, 15 बाई 15 से ज्यादा पंडाल नही बनाने के निर्देश दिये गये है। इसके साथ ही बनाये गये पंडाल के सामने 4000 वर्गफीट की खुली जगह हो, कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावति नहीं होना चाहिए । वहीं पंडाल में एक बार में 20 से ज्यादा लोग नहीं होंगे । जारी आदेश में कहा गया है कि मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करें, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम,पता, मोबाईल नम्बर दर्ज करना होगा। इसके अलावा मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति कम से कम 04 सीसीटीवी कैमरे लगायेगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोराना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें । इसके लिए स्थापना का चिन्हांकन स्थानीय पुलिस प्रभारी द्वारा तय किया जावेगा ।
नवरात्रि उत्सव की जारी गाईड लाइन में कहा गया है कि मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं आयोजन समिति के विरूद्ध वैधानिक कर्यवाही की जायेगी । मूर्ति स्थापित करने वले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाईजर, थर्मल स्क्रिनिंग, ऑक्सीमीटर,हेण्डवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी । थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी । व्यक्ति या समिति द्वारा सोशल डिस्टिेंसिंग का ध्यान रखना होगा । इस हेतु आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था, बांस, बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जावेगा ।
मूर्ति स्थापना, विसर्जन के दौरान प्रसार,चरणमृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की भी अनुमति नहीं है। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी । यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन घोषित होता है, तो केवल एक पुुजारी जाकर पूजा कर सकता है। एवं विसर्जन हेतु संबंधित क्षेत्र के इन्सीडेंट कमांडर (अनुविभागीय दण्डाधिकारी) के आदेश के बाद ही विसर्जन की अनुमति होगी । मूर्ति विसर्जन के दौरान चार से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे । पृथक से वाहन की अनुमति नहीं होगी । सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं होगी ।
आदेश में कहा गया है कि मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोज, भंडार, जगराता का आयोजन अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी । इसके अलवा मूर्ति स्थापना के समय,स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद भी किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र,ध्वनि विस्तारक यंत्र/डीजे बजाने की मनाई है । गाईड लाईन में स्पष्ट किया गया है। कि निर्देशों के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीजी एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी ।