कनाडा में राजनीतिक उथल-पुथल: नेतृत्व परिवर्तन और अमेरिकी दबाव के बीच नई चुनौतियां

 ओटावा: कनाडा वर्तमान में अपने इतिहास के एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में पद से इस्तीफा देकर लिबरल पार्टी को नेतृत्व शून्य में छोड़ दिया है। उनकी जगह कौन लेगा, इस पर अभी चर्चा जारी है। इस राजनीतिक अस्थिरता ने न केवल कनाडा की आंतरिक राजनीति, बल्कि अमेरिका के साथ उसके संबंधों को भी जटिल बना दिया है।

ट्रूडो का इस्तीफा और इसके पीछे के कारण

जस्टिन ट्रूडो, जो लगभग एक दशक तक कनाडा के प्रधानमंत्री रहे, ने पार्टी और जनता के समर्थन में गिरावट के चलते अपना पद छोड़ा। उनके कार्यकाल में कनाडा को महंगाई, खासकर भोजन और आवास की बढ़ती लागत जैसी गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, ट्रूडो द्वारा पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड को हटाना और फ्रीलैंड के सरकार के खिलाफ दिए गए तीखे बयान ने उनकी साख को और कमजोर कर दिया।

अमेरिका का राजनीतिक दबाव

इस संकट के बीच, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव रखा है, साथ ही कनाडा के सामान पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। यह घटनाक्रम न केवल कनाडा के आर्थिक ढांचे को प्रभावित कर रहा है, बल्कि कनाडा की स्वतंत्रता और संप्रभुता पर भी सवाल उठा रहा है।

नए नेता की तलाश

लिबरल पार्टी ने घोषणा की है कि 9 मार्च को नए नेता का चुनाव होगा। यह प्रक्रिया पार्टी के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। पार्टी के संभावित नेताओं में मुख्य रूप से दो नाम उभरकर सामने आए हैं:

  1. क्रिस्टिया फ्रीलैंड:
    • एक अनुभवी राजनेता, पत्रकार और कनाडा की पूर्व वित्त मंत्री।
    • उनकी प्रतिष्ठा रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान एक मजबूत समर्थक के रूप में बनी है।
    • हालांकि, फ्रीलैंड के नेतृत्व को ट्रूडो से अलग हटकर नया दृष्टिकोण पेश करना होगा।
  2. मार्क कार्नी:
    • बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर और एक कुशल अर्थशास्त्री।
    • 2008 के वित्तीय संकट के दौरान कनाडा की अर्थव्यवस्था को संभालने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही।
    • हालांकि, उनके पास राजनीतिक अनुभव की कमी एक बड़ा सवाल है।

विपक्षी पार्टियों का आक्रामक रुख

तीनों प्रमुख विपक्षी दलों ने 24 मार्च को होने वाले संसद सत्र के दौरान लिबरल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है। इससे संभावना है कि कनाडा अगले कुछ महीनों में फिर से चुनाव का सामना कर सकता है।

राजनीतिक और आर्थिक भविष्य

नवीनतम सर्वेक्षणों से यह स्पष्ट है कि लिबरल पार्टी की लोकप्रियता में गिरावट जारी है। जहां लिबरल पार्टी को 23% समर्थन मिल रहा है, वहीं विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी 45% समर्थन के साथ आगे है। इस स्थिति में लिबरल पार्टी को न केवल एक प्रभावशाली नेता की जरूरत है, बल्कि एक ऐसा विजन भी चाहिए जो जनता का विश्वास पुनः अर्जित कर सके।