“प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट ने शिक्षा, परिवहन और गरीब कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक योजनाओं को मंजूरी दी”

नई दिल्ली:   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम योजनाओं को मंजूरी दी गई, जिनमें से प्रमुख योजना “पीएम विद्यालक्ष्मी” योजना है, जिसे हायर एजुकेशन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है। इस योजना के तहत, भारत सरकार हायर एजुकेशन के लिए 7.5 लाख रुपये तक के लोन पर 75% क्रेडिट गारंटी प्रदान करेगी। इसके अलावा, 8 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को 10 लाख रुपये तक के लोन पर 3% ब्याज अनुदान मिलेगा। वहीं, जिन परिवारों की सालाना आय 4.5 लाख रुपये तक है, उनके लिए ब्याज अनुदान पहले से लागू है।

इस योजना का उद्देश्य देशभर के 860 प्रमुख हायर एजुकेशन सेंटर्स के 22 लाख से अधिक छात्रों को लाभ पहुंचाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना को शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो मेधावी छात्रों को उनकी पढ़ाई में आ रही आर्थिक बाधाओं को दूर करने में मदद करेगा। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का एक विस्तार है, जिसका लक्ष्य भारतीय युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में सहूलियत देना है।

इसके अलावा, कैबिनेट ने स्पेस सेक्टर में स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये खर्च करने का भी निर्णय लिया। यह राशि अगले पांच वर्षों में खर्च की जाएगी, और इसका उद्देश्य भारत में स्पेस सेक्टर में नवाचार और विकास को बढ़ावा देना है। इसी बैठक में रेलवे मंत्रालय के दो बड़े प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी गई। पहले प्रोजेक्ट के तहत, बिहार में 256 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को डबल किया जाएगा, जिससे नेपाल और पूर्वोत्तर भारत तक बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। दूसरे प्रोजेक्ट में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच नई रेल लाइन बिछाई जाएगी, जो क्षेत्रीय परिवहन में सुधार करेगी।

इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अक्टूबर की बैठक में गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना को दिसंबर 2028 तक जारी रखने की मंजूरी दी, जिसमें केंद्र सरकार 17,082 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 2024 से 2028 तक मुफ्त चावल की आपूर्ति सुनिश्चित की है।

केंद्रीय कैबिनेट ने इन सभी योजनाओं को मंजूरी देते हुए देश की विकास दर को तेज करने और समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। इन फैसलों से न केवल शिक्षा, बल्कि परिवहन, स्पेस सेक्टर, और गरीब कल्याण के क्षेत्र में भी ऐतिहासिक बदलाव आने की संभावना है।