वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, जल्द पेश होगा बिल
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है| शीतकालीन सत्र में संसद में बिल पेश करेगी मोदी सरकार, बता दें कि इस पर कोविंद कमेटी ने रिपोर्ट दी है| बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन की संभावनाओं पर मार्च में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी| इस रिपोर्ट में जो सुझाव दिए गए हैं, उसके मुताबिक पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए| समिति ने आगे सिफारिश की है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव भी हो जाने चाहिए| इससे पूरे देश में एक निश्चित समयावधि में सभी स्तर के चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे| वर्तमान में, राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग आयोजित किए जाते हैं|
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत करते आए हैं| पीएम मोदी ने कहा था,’मैं सभी से एक राष्ट्र एक चुनाव के संकल्प को हासिल करने के लिए एक साथ आने का अनुरोध करता हूं, जो समय की मांग है|’ उन्होंने कहा था, ‘मैं हमेशा कहता हूं कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए| पूरे 5 साल राजनीति नहीं होनी चाहिए| इससे चुनावों का प्रबंधन करने वाले खर्च में कटौती होगी|’
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई बनी समिति ने 62 राजनीतिक पार्टियों से संपर्क किया था| इनमें से 32 ने एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया था| जबकि, 15 पार्टियां इसके विरोध में थीं| 15 ऐसी पार्टियां थीं, जिन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था|
कानून बनाने के लिए संसद में पास कराना होगा बिल
एक देश, एक चुनाव के लिए सबसे पहले सरकार को बिल लाना होगा| चूंकि ये बिल संविधान संशोधन करेंगे, इसके लिए ये तभी पास होंगे, जब इन्हें संसद के दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिलेगा| यानी, लोकसभा में इस बिल को पास कराने के लिए कम से कम 362 और राज्यसभा के लिए 163 सदस्यों का समर्थन जरूरी होगा|संसद से पास होने के बाद इस बिल को कम से कम 15 राज्यों की विधानसभा का अनुमोदन भी जरूरी होगा| यानी, 15 राज्यों की विधानसभा से भी इस बिल को पास करवाना जरूरी है| इसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्ष के बाद ही ये बिल कानून बन सकेंगे|