उत्तर प्रदेश में विकास की नई उड़ान: योगी सरकार ने पेश किया 8.08 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अब तक का सबसे बड़ा ऐतिहासिक बजट

 लखनऊ:  योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये का ऐतिहासिक बजट विधानसभा में पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इस बजट को प्रदेश के आर्थिक विकास, औद्योगिक विस्तार, सामाजिक कल्याण और बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया। यह बजट पिछले वर्ष की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक है, जिससे राज्य की आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिलेगी और इसे 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में सहायता मिलेगी।

आर्थिक मजबूती और औद्योगिक विकास को प्राथमिकता

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि योगी सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए विभिन्न योजनाओं को प्राथमिकता दी है। इसके तहत बजट का 22 प्रतिशत हिस्सा अवस्थापना विकास के लिए आवंटित किया गया है, जिसमें सड़क निर्माण, औद्योगिक विस्तार, परिवहन सुधार और निवेश को आकर्षित करने वाली योजनाओं को शामिल किया गया है।

प्रदेश में तकनीकी और नवाचार आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी’ की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा गया है। इस पहल के तहत प्रदेश में तकनीकी स्टार्टअप, रिसर्च सेंटर और डिजिटल नवाचार को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही, साइबर सिक्योरिटी के लिए ‘टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रांसलेशन पार्क’ और ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की स्थापना की जाएगी।

शिक्षा और कौशल विकास को नई ऊंचाई देने की योजना

शिक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए बजट का 13 प्रतिशत आवंटित किया गया है। इसमें प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में ICT लैब, स्मार्ट क्लासरूम, और डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना शामिल है। इसके अलावा, पॉलिटेक्निक और तकनीकी शिक्षा संस्थानों को आधुनिक बनाने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी। शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार नए साइंस पार्क, रिसर्च सेंटर और नक्षत्र शालाओं की स्थापना करेगी।

गरीबों और श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं

योगी सरकार ने गरीबों के उत्थान के लिए ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ शुरू करने की घोषणा की है, जो 2 अक्टूबर 2024 से शुरू होगा। इस अभियान के तहत हर ग्राम पंचायत में निर्धनतम परिवारों की पहचान कर उनकी वार्षिक आय को 1,25,000 रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार गरीब परिवारों को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।

श्रमिकों और कामगारों के लिए जिला मुख्यालयों में श्रमिक अड्डों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें कैंटीन, पीने का पानी, स्नानागार और शौचालय जैसी सुविधाएं होंगी। यह योजना श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें बेहतर कामकाजी माहौल प्रदान करने में सहायक होगी।

स्मार्ट सिटी और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर

प्रदेश के 58 नगर निकायों को ‘आदर्श स्मार्ट नगर निकाय’ के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। प्रत्येक नगर निकाय को 2.50 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की जाएगी, जिससे कुल 145 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन शहरों में आधुनिक सुविधाओं, डिजिटल प्रशासन, स्वच्छता प्रबंधन और बेहतर नागरिक सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

इसके अलावा, प्रदेश में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए 22 प्रतिशत बजट आवंटित किया गया है। इसमें नई सड़कों का निर्माण, एक्सप्रेसवे का विस्तार, औद्योगिक कॉरिडोर और मेट्रो परियोजनाओं को शामिल किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश को एक विश्व स्तरीय औद्योगिक और आर्थिक केंद्र बनाया जाए, जहां निवेश और व्यापार के लिए बेहतर माहौल हो।

स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा में बड़ा निवेश

बजट में चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 6 प्रतिशत राशि आवंटित की गई है। सरकार प्रदेश के जिला अस्पतालों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष योजना लेकर आई है। इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण, मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों की संख्या में वृद्धि और मुफ्त दवा योजना का विस्तार किया जाएगा।

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मजबूत बनाने के लिए 4 प्रतिशत बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें विधवा, वृद्धावस्था और दिव्यांगजन पेंशन योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता को बढ़ाने का प्रावधान है।

प्रदेश के आर्थिक विकास की नई दिशा

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह बजट उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय और वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करने का एक मजबूत कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश नवाचार, आत्मनिर्भरता और डिजिटल युग की ओर अग्रसर हो रहा है।

प्रदेश की जनता को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने, युवाओं को रोजगार के नए अवसर देने, गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने और उत्तर प्रदेश को देश की सबसे विकसित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में यह बजट ऐतिहासिक साबित होगा।