ममता बनर्जी के विवादित बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल, BSF पर आतंकवादियों की घुसपैठ का आरोप
पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने आज एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) पश्चिम बंगाल में आतंकवादियों की घुसपैठ करा रहा है। यह बयान हाल ही में हो रही राजनीतिक घटनाओं के बीच दिया गया, जिसने राज्य और देशभर में चर्चा का मुद्दा बना दिया है। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि आतंकवादी इस्लामपुर, सीताई और चोपड़ा जैसे मार्गों से राज्य में घुस रहे हैं और BSF को इन घुसपैठों की जिम्मेदारी लेना चाहिए।
ममता बनर्जी का कहना है कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि BSF की नाकामी के कारण आतंकवादियों की घुसपैठ हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस घुसपैठ का असर राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं की छवि पर पड़ता है और लोग BSF की गलतियों का ठीकरा तृणमूल पर फोड़ते हैं। वहीं, बीजेपी ने ममता बनर्जी के आरोपों को हास्यास्पद करार दिया है। बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी बांग्लादेशियों के घुसपैठ के मामले को छिपाकर उनकी मदद कर रहे हैं। उन्होंने इसे बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों का ‘नर्सरी’ बनने जैसा करार दिया।
अभिषेक बनर्जी ने अपनी आलोचना को और बढ़ाते हुए कहा कि केवल पश्चिम बंगाल से ही नहीं, बल्कि बीजेपी शासित राज्य त्रिपुरा और असम से भी उग्रवादी गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इन राज्यों की सरकारें इस गंभीर मसले पर क्या कदम उठा रही हैं, जबकि त्रिपुरा और असम में डबल इंजन सरकारें हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल के पुलिस कर्मियों ने कई आतंकवादियों को पकड़ने में मदद की, और अगर बांग्लादेशी पुलिस का सहयोग नहीं मिलता, तो यह कार्य संभव नहीं था।
इसी बीच, पूर्व बीएसएफ अधिकारी समीर मित्रा ने इस मुद्दे पर गंभीर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अगर कोई दावा कर रहा है कि BSF आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद कर रहा है, तो यह देश की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक बात होगी और ऐसे आरोपों का खुलासा करना जरूरी है। उनके मुताबिक, अगर इस आरोप को सही पाया जाता है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंताजनक हो सकता है, और इसे अदालत में चुनौती दी जानी चाहिए।
इस पूरे विवाद ने पश्चिम बंगाल में सुरक्षा की स्थिति पर एक और सवाल खड़ा कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस मुद्दे पर सियासी झगड़ा और तीव्र हो सकता है। वहीं, राज्य में पहले से ही बढ़ती अशांति और उग्रवादियों की घुसपैठ के मामले में आगे और जांच की आवश्यकता महसूस हो रही है।