छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: आरोपी ठेकेदार के ठिकानों पर चला बुलडोजर

बीजापुर:  बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में प्रशासन और पुलिस ने शनिवार को बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस द्वारा फरार ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के अवैध ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिनमें आरोपी का फार्म हाउस भी शामिल था, जहां पत्रकार मुकेश का शव बरामद हुआ था। यह फार्म हाउस नजूल की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाया गया था, जिसके खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुलडोजर के माध्यम से ध्वस्त कर दिया। अधिकारियों ने फार्म हाउस के आसपास के सभी अवैध निर्माणों को तोड़ा, साथ ही फार्म हाउस में लगे 21 सीसीटीवी कैमरों में से 16 कैमरों को जब्त कर लिया, जिससे यह अंदाजा लगाया गया कि आरोपी ठेकेदार ने पूरी घटना को पूरी तरह से मॉनिटर किया था।

पुलिस और प्रशासन की टीम ने इस दौरान आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फरार होने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए समूचे राज्य में सर्च ऑपरेशन चलाया। आरोपी के भाई रितेश चंद्राकर समेत तीन अन्य आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। पुलिस ने बताया कि यह हत्याकांड सुरेश चंद्राकर के इशारे पर उसके भाई रितेश और अन्य दो सहयोगियों द्वारा अंजाम दिया गया था। आरोपी रितेश को दिल्ली से और उसके अन्य दो साथियों को बीजापुर से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में इन आरोपियों ने इस हत्या को अंजाम देने की बात कबूल कर ली, हालांकि वे अब तक यह नहीं बता पाए हैं कि आखिरकार इस अपराध को अंजाम देने की वजह क्या थी।

इस मामले की असली वजह तभी सामने आएगी जब फरार मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर पुलिस के गिरफ्त में आएगा। पुलिस का कहना है कि उनके पास सुरेश चंद्राकर के बारे में कुछ सुराग मिले हैं और उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। पुलिस का मानना है कि जब सुरेश पकड़ा जाएगा, तो मामले की कड़ी क्लीयर हो जाएगी। इस बीच, बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव ने भरोसा जताया कि आरोपी की गिरफ्तारी जल्द ही हो जाएगी, और इस मामले में न्याय की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने बीजापुर में शोक की लहर पैदा कर दी है। शनिवार को पत्रकार मुकेश चंद्राकर का अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर किया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग, including पुलिस, प्रशासन के अधिकारी और स्थानीय लोग पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। पूरे मामले ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को पत्रकार सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की मजबूती को लेकर और अधिक गंभीर बनाने की जरूरत का अहसास दिलाया है।