फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज से पहले कंगना रनौत का बड़ा बयान: “इंदिरा गांधी थीं भाई-भतीजावाद की मिसाल

अभिनेत्री कंगना रनौत अपनी बहुचर्चित आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यह फिल्म न केवल भारतीय राजनीति के सबसे विवादित समय का चित्रण करती है, बल्कि कंगना के लिए एक नई चुनौती भी पेश करती है। अपनी बेबाकी और मुखर विचारधारा के लिए प्रसिद्ध कंगना ने एक बार फिर खुलकर बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी को “भाई-भतीजावाद की उपज” कहा।

फिल्म ‘इमरजेंसी’ और कंगना का समर्पण

कंगना रनौत अपनी भूमिका को लेकर खासा उत्साहित हैं। उन्होंने कहा है कि वह इvस किरदार को पूरी ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ निभा रही हैं। यह फिल्म इंदिरा गांधी के समय की कहानी को जीवंत करने का प्रयास है, जिसमें देशभर में आपातकाल के दौरान सत्ता, संघर्ष और नेतृत्व के अलग-अलग पहलुओं को दिखाया जाएगा। कंगना ने बताया कि उन्होंने इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व, उनकी भाव-भंगिमाओं और उनके विचारों को समझने के लिए काफी गहराई से अध्ययन किया है।

इंदिरा गांधी और भाई-भतीजावाद पर कंगना का बयान

हाल ही में, एक साक्षात्कार में कंगना ने खुलकर बताया कि उन्हें भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) के खिलाफ अपने विचार रखने में कभी झिझक महसूस नहीं हुई। उन्होंने इंदिरा गांधी के संदर्भ में यह भी जोड़ा कि “यह सच है कि इंदिरा गांधी भी भाई-भतीजावाद का एक परिणाम थीं। लेकिन इसके बावजूद, उनकी क्षमताओं और उपलब्धियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता।” कंगना ने आगे कहा कि एक कलाकार होने का अर्थ किसी भी धारणा से ऊपर उठकर अपने किरदार के प्रति न्याय करना है।

नेपोटिज्म के खिलाफ कंगना की मुखरता

बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर खुलकर अपनी राय देने के लिए कंगना हमेशा चर्चा में रहती हैं। उन्होंने कहा कि “मैंने कई ऐसे लोगों को देखा है जो नेपोटिज्म का समर्थन करते हैं या उसका हिस्सा हैं, और मैंने यह स्पष्ट किया है कि मैं उनके विचारों से सहमत नहीं हूं। लेकिन जब मैं उन किरदारों को पर्दे पर निभाती हूं, तो मैं अपना निजी दृष्टिकोण किनारे रख देती हूं। यही एक कलाकार होने का अर्थ है।”

‘इमरजेंसी’ के प्रति कंगना का समर्पण

इंदिरा गांधी के जटिल व्यक्तित्व को पर्दे पर उतारना आसान काम नहीं था, लेकिन कंगना ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए हर पहलू को बारीकी से समझा। उनके लिए यह किरदार एक ऐतिहासिक नेता को समझने और उस दौर के राजनीतिक परिदृश्य को जीने का अवसर था। कंगना ने बताया कि यह भूमिका उनके लिए व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तरों पर अद्वितीय अनुभव लेकर आई है।

कंगना की बयानबाजी और ‘इमरजेंसी’ से जुड़ी चर्चा

कंगना ने एक अन्य साक्षात्कार में यह भी साझा किया कि वह ऐसे किरदारों को निभाने में विश्वास रखती हैं, जो उनके व्यक्तित्व और विचारधारा से भिन्न हों। इमरजेंसी के किरदार के माध्यम से कंगना ने इस सिद्धांत को और मजबूती से स्थापित किया।