कांग्रेस के नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन: सोनिया गांधी और राहुल गांधी के भाषणों में चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता पर जोर
नई दिल्ली: कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी के नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन किया। नई शुरुआत को चिह्नित करते हुए, यह मुख्यालय ‘9ए कोटला मार्ग’ पर स्थित है, जो अब तक ’24 अकबर रोड’ पर स्थित पार्टी कार्यालय की जगह लेगा। उद्घाटन समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, और अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
इस अवसर पर, सोनिया गांधी ने कांग्रेस के वैचारिक मूल्यों और देश की लोकतांत्रिक परंपराओं को संरक्षित करने के पार्टी के संकल्प को दोहराया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से नई ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ काम करने की अपील की।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का मुद्दा उठाना
पार्टी मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर राहुल गांधी ने भारतीय चुनाव प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने हालिया विधानसभा चुनावों में प्रक्रियात्मक खामियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में गंभीर समस्या है। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की भूमिका और मतदाता सूची की पारदर्शिता पर सवाल उठाए।
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर चिंता
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में गड़बड़ियां हुईं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच करीब एक करोड़ नए मतदाताओं का अचानक दर्ज होना सवाल खड़ा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सूची में नाम और पते उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया।
राहुल गांधी ने कहा:
“चुनाव आयोग का कर्तव्य पारदर्शी रहना है। यह बताना उनकी जिम्मेदारी है कि मतदाता सूची पारदर्शी क्यों नहीं है और हमें वह जानकारी क्यों नहीं दी गई। पारदर्शिता के अभाव से देश के लोकतांत्रिक ढांचे में गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है।”
कांग्रेस का संघर्ष भाजपा और आरएसएस से परे
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ भाजपा और आरएसएस से ही नहीं, बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ भी लड़ रही है जिसे उन्होंने देश के लगभग हर संस्थान पर कब्जा करके नियंत्रित कर लिया है। उन्होंने कहा:
“यदि आप सोचते हैं कि हम केवल भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं, तो आप गलत हैं। हम एक असमान व्यवस्था के खिलाफ खड़े हैं। यह लड़ाई निष्पक्ष नहीं है। कांग्रेस को लोकतंत्र और पारदर्शिता के लिए व्यापक स्तर पर संघर्ष करना पड़ रहा है।”
राहुल गांधी का मुख्य आरोप
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक करोड़ नए मतदाताओं की अचानक एंट्री संदेहास्पद है।
- निर्वाचन आयोग पारदर्शिता के सिद्धांत का पालन नहीं कर रहा है।
- कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को केवल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि एक पक्षपाती प्रणाली के खिलाफ लड़ाई लड़नी पड़ रही है
मल्लिकार्जुन खरगे का संकल्प
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन केवल भवन का अनावरण नहीं है, बल्कि पार्टी की नई शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने और भारत को एक बेहतर भविष्य देने के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया।
समापन और भविष्य की दिशा
कांग्रेस के इस नए मुख्यालय की शुरुआत एक नए युग का संकेत देती है, जहां पार्टी भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं के द्वारा उठाए गए सवाल देश में चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की अनिवार्यता को पुनः स्पष्ट करते हैं।
‘इंदिरा भवन’ केवल एक इमारत नहीं है, बल्कि पार्टी की विचारधारा और उद्देश्य का एक प्रतीक है, जो भारत की संस्थागत प्रक्रियाओं की रक्षा और संवर्धन के लिए कांग्रेस के संकल्प को दर्शाता है।