तीसरे चरण के क्लिनिक ट्रायल में भारत में निर्मित कोवैक्सीन टीका कोविड के गंभीर मरीजों पर 93 प्रतिशत और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65 प्रतिशत प्रभावी पाया गया
नई दिल्ली :- भारतीय टीका कोवैक्सीन तीसरे चरण के परीक्षणों में लक्षणों वाले मरीजों पर 77 प्रतिशत से अधिक कारग़र सिद्ध हुआ है। भारत बायोटेक ने आज तीसरे चरण के परीक्षणों का ब्यौरा जारी किया।
कंपनी ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर इस टीके को तैयार किया है।
ये परीक्षण 18 से 98 वर्ष आयु वर्ग के 25 हजार 800 व्यक्तियों पर देश भर में 25 स्थानों पर किए गए।
कोवैक्सीन कोविड के गंभीर मरीजों पर 93 प्रतिशत और इसके डेल्टा स्वरूप से प्रभावित लोगों पर 65 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।
परीक्षणों के परिणामों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक, बलराम भार्गव ने कहा कि परिषद और भारत बायोटेक के वैज्ञानिकों ने उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप टीका तैयार करने के लिए अथक प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि कोवैक्सिन से न केवल भारतीय नागरिकों को लाभ होगा, बल्कि यह महामारी के खिलाफ वैश्विक समुदाय को सुरक्षा प्रदान करने में भी प्रभावशाली साबित होगा। भार्गव ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि कोवैक्सीन कोरोना के सभी प्रकार के स्वरूपों से निपटने में कामयाब रहा है।
भारत बायोटेक ने कहा है कि कोवैक्सीन का कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों जैसे डेल्टा, कप्पा, अल्फा, बीटा और गामा पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। कंपनी ने कहा कि इन अध्ययनों के परिणामों को विभिन्न अनुसंधान पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है और यह सार्वजनिक रूप से उपलबध है।
कोवैक्सीन को 16 देशों में आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिली हुई है। कंपनी कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुमति के बारे में संगठन के साथ चर्चा कर रही है।