जोसेफ औन की राष्ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक नियुक्ति: लेबनान में नए युग की शुरुआत

बेरूत: लेबनान ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक बदलाव का साक्षी बना जब सेना प्रमुख जोसेफ औन को देश का नया राष्ट्रपति चुना गया। यह नियुक्ति देश में लंबे समय से चल रहे राजनीतिक गतिरोध और राष्ट्रपति पद की रिक्तता को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। औन की नियुक्ति के बाद उन्होंने एक नई शुरुआत का संकल्प लिया, जिसमें उन्होंने लेबनान के समक्ष चुनौतीपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक संकटों का समाधान करने के लिए कड़ी मेहनत करने की कसम खाई। उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी सेना प्रमुख की भूमिका से इस्तीफा दिया और नागरिक पोशाक में शपथ लेने के लिए संसद पहुंचे।

औन ने अपने उद्घाटन भाषण में लेबनान के लिए एक नई दिशा की घोषणा की और साथ ही एक दुर्लभ प्रतिज्ञा ली, जिसमें उन्होंने राज्य के अधिकार के तहत “हथियारों पर एकाधिकार” स्थापित करने का वचन दिया। उनका यह बयान ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह को निरस्त्र करने की उनकी मंशा को स्पष्ट करता है, जो अब लेबनान में सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण प्रभाव रखता है। हिजबुल्ला के साथ पश्चिम एशिया के देशों और इस्राइल के साथ उसके संघर्षों के बाद यह संगठन कमजोर हुआ है, लेकिन इसका प्रभाव अब भी कुछ हद तक बना हुआ है।

औन ने यह भी कहा, “लेबनानी राज्य, अब इस्राइल के कब्जे से छुटकारा पाएगा,” और अपने युग में एक नए सुरक्षा और रक्षा दृष्टिकोण के तहत इस्राइल के कब्जे से मुक्त होने के प्रयासों का समर्थन किया। इसके माध्यम से उन्होंने लेबनान की सुरक्षा को सुधारने और देश में शांति स्थापित करने का प्रयास किया है।

पिछले दो वर्षों में, जब से पूर्व राष्ट्रपति माइकल औन का कार्यकाल समाप्त हुआ था, लेबनान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 12 बार प्रयास किए गए थे, लेकिन हर बार चुनाव विफल रहे थे। आखिरकार, 22 अक्टूबर 2022 को औन को राष्ट्रपति चुना गया, जब उन्होंने 128 में से 99 वोट प्राप्त किए, जो कि व्यापक राजनीतिक समर्थन को दर्शाता है।

औन की नियुक्ति और उनके द्वारा की गई घोषणा को लेकर उम्मीद की जा रही है कि अब लेबनान में राजनीतिक स्थिरता लौटेगी और देश अपने नागरिकों के लिए बेहतर आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा संरचनाओं के निर्माण की दिशा में काम कर सकेगा।