गौ सेवा रत्न अलंकरण महोत्सव: राज्यपाल रमेन डेका ने गौ माता की आराधना कर गौ संरक्षण और संवर्धन का दिया संदेश

खैरागढ़-छुई खदान- गंडई:  छत्तीसगढ़ के जिले खैरागढ़-छुई खदान- गंडई में आज गौ सेवा रत्न अलंकरण महोत्सव का भव्य और गरिमामय आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल रमेन डेका विशेष रूप से उपस्थित हुए। यह महोत्सव गौ सेवा और संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में गौ भक्त, ग्रामीणजन, समाजसेवी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। राज्यपाल ने इस अवसर पर मनोहर गौशाला पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की और गौ माता की आराधना में भाग लिया। उन्होंने मंदिर में आयोजित गौ आरती में भी हिस्सा लिया और पूर्ण श्रद्धा भाव से गौ माता की पूजा कर अपने आध्यात्मिक विचार साझा किए।

राज्यपाल रमेन डेका ने अपने संबोधन में गौ सेवा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गौ माता भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने गौ रक्षा और संवर्धन की दिशा में निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि गौ सेवा केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संतुलन, जैविक खेती, ग्रामीण आजीविका और आर्थिक समृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

पूजा-अर्चना और आरती के बाद राज्यपाल ने गौशाला परिसर का विस्तृत भ्रमण किया और वहां गौवंश की देखरेख और सेवा के लिए किए जा रहे प्रयासों को नजदीक से देखा। उन्होंने गौशाला के प्रबंधन द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहल न केवल गौ संरक्षण को बढ़ावा देती हैं, बल्कि किसानों और ग्रामीणों के लिए स्वावलंबन और प्राकृतिक खेती को भी प्रोत्साहित करती हैं। उन्होंने गौशाला के कर्मचारियों और गौ सेवकों को धन्यवाद दिया, जो दिन-रात गौवंश की सेवा में समर्पित रहते हैं।

इस अवसर पर गौशाला प्रबंधन समिति, धार्मिक गुरु, स्थानीय जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। महोत्सव में गौसेवा से जुड़े कई समाजसेवियों को गौ सेवा रत्न अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। इस आयोजन ने एक बार फिर समाज में गौ सेवा और संरक्षण की भावना को प्रबल करने का कार्य किया और लोगों को गौ माता के संरक्षण और संवर्धन के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया।