आदिवासी बच्चों के लिए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भवन पूर्णता की ओर
आदिवासी बाहुल्य गरियाबंद जिले में आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास के लिए शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। जो लगभग बनकर तैयार है।
15 एकड़ क्षेत्र में फैले इस परिसर में स्कूल भवन, बालक-बालिका छात्रावास, प्राचार्य आवास और शिक्षकों का आवास बनकर तैयार हो गया है। अगले सत्र से अब जिले के बच्चों को सर्व सुविधायुक्त आवासीय भवन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगा।
ज्ञात है कि जिले में एकलव्य आवासीय विद्यालय सन् 2017 से प्रारंभ की गई थी। वर्तमान में यह अस्थायी तौर पर दर्रीपारा के कमार भवन में संचालित है। अब बहुत जल्द ही स्थायी भवन मिल जायेगा। वर्तमान में कक्षा 6वीं से 9वीं तक संचालित इस विद्यालय में 240 बच्चे अध्यनरत है।
आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एल.आर कुर्रे ने बताया कि स्कूल में प्रवेश लेने के लिए प्रतिवर्ष प्रवेश चयन परीक्षा का आयोजन किया जाता है। कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए 30 बालक और 30 बालिकाओं का मेरिट क्रम से चयन किया जाता है। विशेष पिछ़डी जनजाति के विद्याथियो को चयन में प्राथमिकता दी जाती है। यहां कक्षा 12वीं तक पूर्णरूप से शिक्षा जिसमें भोजन,गणवेश,आवासीय सुविधाएं तथा शिक्षोत्तर गतिविधियां निःशुल्क प्रदान की जाती है। विद्यालय में 420 सीट बच्चो के लिए निर्धारित है।
क्रियान्वयन एजेंसी लोक निर्माण विभाग ने बताया कि जिले के छुरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम कोसमबुड़ा में 15 एकड़ क्षे़त्र में बन रहे इस विद्यालय का प्रथम चरण कार्य पूर्ण हो गया है। द्वितीय चरण के कार्य में केवल सी.सी रोड और बच्चों के लिए पलंग उपलब्ध कराने का कार्य शेष है। उन्होंने कहा कि अगले सत्र में बिल्डिंग को आदिवासी विभाग को हेण्डओवर कर दिया जायेगा।